जोशीमठ पहुंचे सीएम धामी, मनीष खंडूरी ने लिखा प्रदेश सरकार मौन ?
मीडिया लाइव, गोपेश्वर: जोशीमठ में भवनों, सड़कों और खेतों में लगातार दरारें आ रही हैं। कुछ स्थानों पर पानी रिसने की घटना से क्षेत्र के लोग डर के साए में है। वहीं जिला प्रशासन के निर्देश पर लोगों का सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी पुनर्वास किया जा रहा है। लोगों का घरों को छोड़कर निकलने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। प्रभावितों के आंसू बरबस ही निकल पड़ रहे हैं।
वहीं शुक्रवार को देहरादून में इस गंभीर प्रकरण पर उच्च स्तरीय बैठक लेने और जरूरी निर्देश देने के बाद मुख्यमंत्री आज शनिवार को जोशीमठ ग्राउंड जीरो हालात का जायजा लेने पहुंचे। मुख्यमंत्री ने इससे पहले जोशीमठ के संबंध में अधिकारियों से रिपोर्ट ली। शुक्रवार को उन्होंने जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव मामले में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई।
मुख्यमंत्री ने जोशीमठ भू-धंसाव के कारण अति संवेदनशील (डेंजर जोन) वाले क्षेत्रों में बने भवनों को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और चरणबद्ध ढंग से संवेदनशील जगहों से सबको शिफ्ट किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि तात्कालिक एक्शन प्लान के साथ ही दीर्घकालीन कार्यों में भी लंबी प्रक्रिया को समाप्त करते हुए डेंजर जोन के ट्रीटमेंट, सीवर तथा ड्रेनेज जैसे कार्य जल्द से जल्द पूरे किए जाएं। कहा, इसमें सरलीकरण तथा त्वरित कार्रवाई ही हमारा सबसे बड़ा मूलमंत्र होना चाहिए।
जोशीमठ मामले पर जल्द से जल्द हमारी कार्ययोजना बिल्कुल तय होनी चाहिए। हमारे लिए नागरिकों का जीवन सबसे अमूल्य है। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मंडल और जिलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त कर निर्देश दिए कि चिकित्सा उपचार की सभी सुविधाओं की उपलब्धता रहे। जरूरी होने पर एयर लिफ्ट कर सकें, इसकी भी तैयारी हो।
वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और गढ़वाल संसदीय सीट से पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार रहे मनीष खंडूड़ी ने जोशीमठ मामले को बेहद संजीदगी से लेते हुए सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि जोशीमठ में जमीन धंसने से जोशीमठ की जनता कड़कती सर्दी में सड़को पर, प्रदेश सरकार मौन ? मनीष ने लिखा है कि ! कई परिवार इतनी सर्द रातों में घरों के बाहर बैठकर रात काट रहे हैं। जगह-जगह से पानी की धार निकलने की घटनाओं के साथ-साथ ज़मीन, मकानों एवं सड़कों के धंसने के मामले भी सामने आ रहे हैं। प्रदेश सरकार तुरंत संज्ञान ले एवं पीड़ितों को हुई क्षति का उचित मुआवजा और उनके पुनर्वास की तत्काल व्यवस्था करे।