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अंगीठी की गैस से गर्भस्थ शिशु की मौत !

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नैनीतालः यहां इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पहाड़ों की बात करें तो पहाड़ों में ठंड का प्रकोप काफी ज्यादा है। लोग ठंड से बचाने के लिए अलाव और अंगीठी का सहारा लेकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं ऐसा करने से उत्तराखंड के नैनीताल में अलाव ने गर्भ में पल रहे गर्भस्थ शिशु की जान ले ली।

नैनीताल के तल्लीताल क्षेत्र में ठंड से बचने के लिए एक दंपति ने रात को अपने घर के कमरे में अंगीठी जलाई और सो गए. अंगीठी के धुएं से दोनों दंपति बेहोश हो गए। इसके बाद स्थानीय लोग गंभीर अवस्था में दंपति को बीडी पांडे अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उपचार के दौरान 8 माह की गर्भवती की कोख में पल रहे गर्भस्थ शिशु की जहरीली गैस लगने से मौत हो गई।

उत्तराखंड ने मैदानी इलाकों खास कर उधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले के कुछ भागों में घना कोहरा छा रहा है। दोनों ही जिलों में कहीं-कहीं शीत दिवस रहने की स्थिति की संभावना मौसम विभाग ने जताई है।
जब ठंड के दिनों में आग सेंकने के लिए कोयले जलाए जाते हैं तो ये कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस रिलीज करते हैं। कार्बन मोनोऑक्साइड एक ज़हरीली गैस है। ऐसी किसी जगह पर जहां कोयला या लकड़ी जल रही हो और वेंटिलेशन का कोई माध्यम न हो तो सांस लेने के दौरान हम कार्बन मोनोऑक्साइड और ऑक्सीजन दोनों अंदर लेते हैं।

कार्बन मोनोऑक्साइड हीमोग्लोबिन के साथ मिलकर कार्बोक्सीहीमोग्लोबिन में बदल जाती है। दरअसल, खून में मौजूद आरबीसी, ऑक्सीजन की तुलना में कार्बन मोनोऑक्साइड से पहले जुड़ती है। अगर आप किसी ऐसी जगह पर हैं जहां ऑक्सीजन की तुलना में कार्बन मोनोऑक्साइड बहुत अधिक है तो धीरे-धीरे खून में ऑक्सीजन की जगह कार्बन मोनोऑक्साइड आ जाती है।

इससे शरीर के कई अहम अंगों को ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है। इससे हाईपोक्सिया की स्थिति बन जाती है, जिससे ऊतक (टिशू) नष्ट होने लगते हैं और मौत की आशंका बढ़ जाती है। नैनीताल में गर्भस्थ शिशु की मौत के मामले में भी यही हुआ होगा ऐसी आशंका है।