क्यों सरकारी कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे विधायक विनोद चमोली ?

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मीडिया लाइव, देहरादून: सरकार, शासन एवं प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में समय-समय पर जनप्रतिनिधियों के सम्मिलित होने के लिए शिष्टाचार, आचार एवं व्यवहार हेतु सुस्पष्ट नियमावली बनाये जाने के सम्बन्ध में। यह कि भारत के संविधान में लोकतांत्रिक व्यवस्था का सिद्धांत है जिसमें जनता द्वारा चुने गये जनप्रतिनिधियों के माध्यम से देश की शासन व्यवस्था चलाये जाने का प्रावधान है।

यह कि समय-समय पर देखने में आया है कि सरकारी कार्यक्रमों व बैठको में शासन एवं प्रशासन के अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों को उचित सम्मान व स्थान नहीं मिलता है जिस कारण उन्हें (जनप्रतिनिधियों) अपमानित होना पड़ता है।

सरकार, शासन एवं प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में समय-समय पर जनप्रतिनिधियों के सम्मिलित होने के लिए शिष्टाचार, आचार एवं व्यवहार हेतु सुस्पष्ट नियमावली बनाये जाने के सम्बन्ध में।

यह कि भारत के संविधान में लोकतांत्रिक व्यवस्था का सिद्धांत है जिसमें जनता द्वारा चुने गये जनप्रतिनिधियों के माध्यम से देश की शासन व्यवस्था चलाये जाने का प्रावधान है। 

यह कि समय-समय पर देखने में आया है कि सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों व बैठको में शासन एवं प्रशासन के अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों को उचित सम्मान व स्थान नहीं मिलता है जिस कारण उन्हें (जनप्रतिनिधि।

यह कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधि जनता द्वारा चुना गया प्रतिनिधि होता है और उनके द्वारा ही सरकार का संचालन किया जा रहा होता है इसलिए यह प्रत्यक्ष रूप से जनता का अपमान है

यह कि देखने में आता है कि अधिकारी एवं कर्मचारी जनप्रतिनिधियों के साथ

सम्बन्ध, सम्पर्क एवं लोक व्यवहार में मर्यादित आचरण का पालन नहीं करते हैं। यह कि जनप्रतिनिधि जनता का प्रतिनिधित्व करते ‘हैं जबकि अधिकारी लोकसेवक होते हैं।

“यह कि जनप्रतिनिधि व नौकरशाही के बीच में सामंजस्य बैठाने हेतु प्रदेश में सुस्पष्ट शिष्टाचार आदर्श आचार व्यवहार नियमावली होनी आवश्यक है ताकि आम जन गण मन की भावनाओं के अनुरूप शासन व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकें।

यह कि यहां जनप्रतिनिधियों से मेरा आशय उन सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों से है, जो विभिन्न कार्य क्षेत्रों में संविधान एवं सरकार द्वारा निर्धारित निर्वाचन प्रक्रिया से निर्वाचित एवं मनोनित हुए हैं।

अतः आपसे अपेक्षा है कि प्रदेश में जनप्रतिनिधियों हेतु सुस्पष्ट शिष्टाचार आचार व्यवहार नियमावली प्रख्यापित किया जाना उचित होगा।

आपके संज्ञान में लाना है कि जब तक शासन द्वारा नियमावली नहीं बनायी जाती है या सम्बन्धित विभागों को जनप्रतिनिधियों के प्रति अपने आदर्श आचार व्यवहार हेतु निर्देशित नहीं किया जाता है तब तक मैं धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में होने वाले सरकार, शासन एवं प्रशासन द्वारा अपेक्षित उन सभी कार्यों में जिनका प्रभाव क्षेत्र के विकास पर पड़ता है, के अलावा शासन या प्रशासन द्वारा आयोजित किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रमों में सम्मिलित नहीं होऊंगा।