आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव मिश्रा गिरफ्तार
देहरादून: आयुर्वेद विवि के पूर्व कुलसचिव डॉ. मृत्यंजय मिश्रा को वित्तीय अनियमितता और भर्तियों में अनियमितता के आरोप में विजिलेंस टीम ने गिरफ्तार किया है। मिश्रा पर आयुर्वेद विश्वविद्यालय में भर्तियों में गड़बड़ी करने और कई तरह के घोटालों के आरोप हैं। पूरे प्रकरण में शासन ने विजिलेंस को खुली जांच के आदेश दिये थे। इसके अलावा गौरतलब बात यह है कि मिश्रा के विरुद्ध अन्य कुछ मामलों में भी पहले से मुकदमें दर्ज हैं।
सतर्कता अधिष्ठान के थाना सतर्कता सैक्टर देहरादून पर बीते 17 नवम्बर को IPC की धारा-120बी, 420, 467, 468, 471 व धारा-13(1)ए,सी,डी धारा-13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 बनाम मृत्युंजय कुमार मिश्रा एवं अन्य के विरूद् व पंजीकृत किया गया था। मृत्युंजय कुमार मिश्रा के विरूद् व आरोप थे कि इन्हों ने उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में अपनी नियुक्ति के दौरान (वर्ष 2013-17) में फर्जी रूप से बिना अनुमति के यात्राऐं दर्शित कर फर्जी यात्रा टिकट जो कि प्रथम दृष्टया कूटरचित है,को वास्तविकता के रूप में जानते विश्वविद्यालय में भुगतान हेतु प्रस्तुत किया।इसकेअतिरिक्त इन्होंने आपूर्तिकर्ता फर्मस्वामियों के खाते बैंक में खुलवाये, जिन खातों में उनके विश्वविद्यालय के कार्य करने सम्बन्धी फर्जी एवं कूट रचित प्रमाण पत्र संलग्न किये गये है।इसकेअतिरिक्त उक्त फर्जी खोले गये खातों के माध्यम से मृत्युंजय कुमार मिश्रा द्वारा उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के धन को अवैध तरीके से अपने बैंक खातों में लगभग 32 लाख 15 हजार रूपये हस्तान्तरित किये गये है एवं आपूर्तिकर्ता फर्मो के माध्यम से सांठ-गांठकर मृत्यंजय कुमार मिश्रा एवं उनके परिजनों के खातों में नकद एवं बैंक ट्रान्जैक्शन के माध्यम से 68,02,000 (अड़सठ लाख दो हजार रूपये मात्र)रूपये जमा हुये है।इसी क्रम में आज दिनांक 03.12.2018 को मृत्युंजय कुमार मिश्रा को ईसी रोड़,देहरादून से समय करीब शाम 4 बजे गिरफ्तार किया गया।