काम नहीं पसंद, तो मंत्री पद से स्तीफा दे दूंगा
मीडिया लाइव : अपनी बेबाकी लिए मशहूर वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत विभागीय अफसरों के विदेश दौरों को लेकर बेहद खफा है. रावत ने कार्मिक विभाग को कड़ा पत्र लिखकर इस पूरे मामले में कडा एतराज जताया है. बतादें कि पीसीसीएफ समेत छह वन अधिकारियों की विदेश यात्रा की अनुमति की स्वीकृति मंत्री की अनदेखी करते हुए मुख्यमंत्री से कराया गया. फायर सीजन के दौरान जंगल की आग के कारण वे अफसरों के विदेश दौरे को लेकर गुस्से में हैं, उनके गुस्सा प्रदेश सरकार पर भी फूटा है.
गौरतलब है कि विभागीय मंत्री के माध्यम से प्रस्तुत न किया जाना रुल्स ऑफ बिजनेस के अनुकूल नहीं है। उन्होंने इसे परंपराओं के खिलाफ माना। उन्होंने ताकीद किया कि भविष्य में उनकी अनुमति के बिना उनके विभागाध्यक्ष की विदेश यात्रा की अनुमति नहीं दी जाए। उनका यह पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो चुका है। गर्मियों में जब प्रदेश के जंगल आग से धधक रहे हैं ऐसी स्थिति में अफसरों के विदेश जाने की पत्रावली मेरे समक्ष क्याें प्रस्तुत नहीं की गई? पिछले साल भी प्रमुख वन संरक्षक जयराज और श्रमायुक्त आनंद श्रीवास्तव को बिना उनकी अनुमति के विदेश दौरे पर भेज दिया गया था। उन्होंने कहा,‘ मुझे मंत्री का पद मिला है। इसलिए पद पर हूं तो काम तो करुंगा ही। जिस दिन मुझसे इनका अनुपालन नहीं हो पाएगा तो इस्तीफा दे दूंगा। मैं अपने अधिकार और कर्तव्य समझता हूं कि मुख्यमंत्री के स्तर पर कौन सा काम होना चाहिए और मेरे स्तर पर कौन सा काम होना चाहिए। वन मंत्री ने कहा,‘ शासन तंत्र में मंत्री, सचिव और विभागध्यक्ष के कार्य और अधिकार तय हैं। चपरासी एचओडी, सचिव और मंत्री नहीं हो सकता। कार्मिक विभाग को विदेश यात्रा की पत्रावली विभागीय मंत्री होने के नाते मेरे पास भेजनी चाहिए थी, लेकिन मुझे बाइपास किया गया। मंत्री स्तर पर कोई काम होना है तो मंत्री स्तर पर ही होना चाहिए।