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गांजे से बनेगी एंटीबायोटिक दवा !

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यूं तो गांजा दुनिया भर में नशे के लिए बदनाम है। लेकिन इसी दुनिया के करीब डेढ़ दर्जन देश गांजे को दवाओं में प्रयोग की कानूनी इजाजत दे चुके हैं। अब यूएस की मैकमास्‍टर यूनिवर्सिटी के अध्‍ययन ने भी इसके दवा होने पर मोहर लगाई है। अमेरिकन केमिकल सोसाइटी के जर्नल में ये शोध छपा है। तस्‍दीक करना चाहो तो इस लिंक पर हो आओ- https://pubs.acs.org/doi/10.1021/acsinfecdis.9b00419 जिसके मुताबिक गांजे में चमत्‍कारिक एंटीबायोटिक गुण होते हैं। जिससे कारगर दवा बनाई जा सकती है। इसमें मौजूद रासायनिक यौगिक ‘कैनाबिनॉइड’ जिसे कैनबाइगरोल (सीबीजी) भी कहा जाता है, न केवल जीवाणुरोधी होता है, बल्कि यह मेथिसिलिन प्रतिरोधी बैक्टीरिया ‘स्टैफिलोकोकस ऑरियस (एमआरएसए)’ के खिलाफ भी एक शर्तिया इलाज है।  प्रोफेसर एरिक ब्राउन के मुताबिक हमने व्यावसायिक रूप से उपलब्ध 18 कैनबिनोइड्स की जांच की है और उन सभी में एंटीबायोटिक तत्‍व पाए गए हैं। इस शोध से प्राप्त निष्कर्ष वास्तविक रूप से कैनबिनोइड्स के एंटीबायोटिक दवाओं के रूप में इस्तेमाल का सुझाव देते हैं।” हालांकि इस काम में सिर्फ एक बाधा है, और वो है कोशिकाओं पर इसके पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव। यदि इसके हानिकारक प्रभावों को कम कर दिया जाता है तो इसे दवा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।” उम्मीद है आने वाले वक्त में इसकी इन कमियों को दूर कर लिया जायेगा और यह दवा प्रकृति के किसी वरदान से कम नहीं होगी।