ऐसे रुकेगा पलायन
मीडिया लाइव, पौड़ी: गरीब क्रांति अभियान उत्तराखंड एवं चकबंदी जागरण समिति की पहल पर आयोजित चकबंदी गोष्टी में चकबंदी नेताओं ने प्रदेश में चकबंदी अधिनियम लागू करने पर जोर दिया। इस मौके पर चकबंदी नेताओं ने चकबंदी पर रचित दो पुस्तकों का विमोचन किया।
संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने चकबंदी को लेकर शीघ्र ही रणनीति तैयार करने को सरकार की प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के तीन जिलों में कृषि व अन्य दस जिलों में फलोद्यान का बड़े पैमाने पर उत्पादन को लेकर भी रणनीति तैयार की जा रही है। उन्होंने पहाड़ों के समुचित विकास के लिए चकबंदी को अपनाये जाने की पुरजोर पैरवी की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नौनिहालों को एग्रीकल्चर व हॉल्टिकल्चर की जानकारी हो इसके लिए भी सरकार शीघ्र ही जूनियर कक्षाओं से एग्रीकल्चर व हॉल्टिकल्चर विषयों को अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में शीघ्र ही कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाएगी। जिसमें काश्तकारों को कृषि की नवीनतम जानकारियां उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में काश्तकारों को फसल बीमा योजना का लाभ मिले इसके लिए न्याय पंचायत स्तर पर बीमा यूनिट तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि काश्तकारों को पहाड़ों की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार ही फसलों के उत्पादन की भी जानकारियां दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में मौसमी फसलों के अपार संभावनांए हैं जिनके माध्यम से काश्तकार स्वयं उनका उत्पादन कर व्यापारी की तरह उन्हें मंडी आदि जगहों में सही दामों पर बेच सकता हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ी खेती का सही और नियोजित विकास हो सके इसके लिए राज्य सरकार ने विगत दिनों नीति आयोग से चर्चा की। जिसमें उन्होंने प्रदेश समेत देश के अन्य 11 पर्वतीय राज्यों के लिए आयोग में अलग से बैठक करने का प्रस्ताव रखा। जिसमें मैदानों के सापेक्ष पर्वतीय राज्यों में कृषि व अन्य बजट की अतिरिक्त मांग का आंगणन तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तराई बीज प्राधिकरण के स्थान पर राज्य में अब पहाड़ी बीज निगम स्थापित किया जाएगा। जिससें जलवायु के अनुरूप काश्तकारों को अच्छे किश्म के बीज प्राप्त हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में खेती को गति देने के लिए कृषि एवं फलोद्यान विभागों को एकीकरण कर काश्तकारों को कृषि विकास का लाभ दिलाया जा सकेगा। उन्होंने पहाड़ी क्षेत्रों में जड़ी बूटी, बागवानी, सुगंधपादप, हस्तशिल्प, मशरूम एवं चाय की खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
इससे पूर्व मंत्री ने चकबंदी पर आधारित पुस्तक ‘‘चकबंदी से संवरेगा पहाड‘‘ तथा ‘‘कृषि भूमि एवं भू-राजस्व अधिनियम विधेयक-2017‘‘ का विमोचन किया। इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डा. आर के मैखुरी ने पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि की चकबंदी को अनिवार्य बताया। उन्होंने चकबंदी अभियान के विभिन्न बिन्दुओं पर रोशनी डाली। चकबंदी प्रणेता गणेश सिंह गरीब ने पहाड़ों में रोजगार की कमी के लिए पहाड़ों में लगातार हो रहे पलायन पर चिंता जताई। उन्होेंने कहा कि चकबंदी लागू होने से यहां के नौयुवकों को उनकी भूमि के अनुसार ही रोजगार मुहैया हो सकेगा। कार्यक्रम में अभियान के विधि सलाहकार रमेश दत्त ने पुस्तकों के उद्देश्यों पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि पुस्तकों में चकबंदी को अपनाये जाने व अधिनियम का सरलीकरण रूप प्रस्तुत किया गया है। जिसे आम पाठक भी बिना कानूनी भाषा के इसे समझ सकते हैं। इस मौके पर पालिकाध्यक्ष यशपाल बेनाम, एलएम कोठियाल ने चकबंदी अभियान पर रोशनी डाली। कार्यक्रम का संचालन बलवंत गुसांई ने किया।