1085 हुआ उत्तराखंड में कोरोना का आंकड़ा, कहाँ हुई कोरन्टीन सेंटर में एक महिला की मौत , गैरसैण पर क्या कहा SC ने
मीडिया लाइव, देहरादून: उत्तराखंड से कोरोना पर अभी-अभी ताजा खबर सामने आई है. कोविड-19 कन्ट्रोल रूम ने 6 घण्टे बाद नया मेडिकल बुलेटिन जारी किया है. इस बुलेटिन में कुछ राहत भरी खबर के साथ नये कोरोना के मामले भी सामने आये हैं. बीते 6 घण्टों में आज नए मामलों की संख्या कुछ कम रही. जहां दिन में दो बजे तक 23 मामले आये थे वहीं इन 6 घण्टों में भी 19 और नए मामले पॉजिटिव मिले हैं. इस तरह राज्य में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या आज एक दिन में 42 के साथ 1085 पर पहुंच गई है. शाम के आंकड़ों में सबसे अधिक नैनीताल में-14, सभी मुंबई से लौटे हैं., चमोली-2, दोनों की ट्रैवल हिस्ट्री दिल्ली की है. ऊधम सिंह नगर-1 ये भी महाराष्ट्र से राज्य में आये हैं. पिथौरागढ़-1 इस मरीज की भी मुम्बई से लौटने की बात सामने आई है , देहरादून में भी 1 नया मामला आया है, ये रिपोर्ट निजी लैब से मिली है. जिसकी ट्रैवल हिस्ट्री का पता लगाया जा रहा है.
राहत की बात ये है कि आज प्रदेश में कुल 23 मरीज कोरोना संक्रमण से इलाज कर ठीक हो चुके हैं. जिन्हें घर के लिए डिस्चार्ज किया गया. इनमें नैनीताल से 10 लोग ठीक हुए हैं, ऊधम सिंह नगर-2 अल्मोड़ा-4, पिथौरागढ़-1, देहरादून के 6 लोग ठीक हो कर अपने घरों के लिए जा चुके हैं. कुल ठीक होने वाले मरीजों की तादाद इस तरह अभी 282 हो गई है. यह अपने आप में सुकून पहुंचाने वाली एक अच्छी खबर है.
वहीं बुरी खबर ये है कि आज जनपद पौड़ी के थलीसैण ब्लॉक की एक महिला की कोरन्टीन सेंटर में मौत हो गई. प्राप्त जानकारी के मुताबिक महिला दिल्ली से गांव लौटी थी. शव को पंचनामा भर कर जिला चिकित्सालय भेज दिया गया है. जहां मेडिकल टीम उनका कोरोना टेस्ट सैम्पल लेगी. उसके बाद ही मौत की असल वजह सामने आ पाएगी.
गौरतलब ये है कि राज्य में लगातार कोरन्टीन सेंटर्स में मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं. जो बेहद चिंता का विषय है. इस पर राज्य में विपक्ष की भूमिका में बैठी कांग्रेस पार्टी ने जांच की मांग की है. इसके अलावा कोरन्टीन सेंटर्स में जिन लोगो की मौत हुई है, उनके परिजनो को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की भी मांग राज्य सरकार से की गई है.
एक और महत्वपूण खबर : जो कोरोना से इतर है: सुप्रीम कोर्ट ने गैरसैण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग को खारिज कर दिया है. शीर्ष अदालत ने इसे नीतिगत विषय माना है. कोर्ट ने कहा है कि इस पर निर्णय लेना सरकार का काम है और ये वही कर सकती है. अदालत इसमें दखल नहीं दे सकती. इसके अलावा प्रताप नगर को जिला बनाने की मांग को भी कोर्ट ने इसी श्रेणी में माना है.
बता दें कि एक याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से गैरसैण को स्थाई राजधानी घोषित करने की याचिका दायर की थी। जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने इस पर जो कहा है वही सच है। अदालत ने इसे नीतिगत मामला बताते हुए उस याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा, ये नीतिगत फैसले हैं इसमें कोर्ट निर्देश नहीं दे सकती।
अब देखना ये है कि इस पर आगे क्या सियासत होती है. लेकिन गेंद फिर सरकार के पाले में आ गई है. जिस पर फिलहाल कुुुह होंंने सम्भावना नहीं दिखती.