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बस कंडक्टर की अगली मंजिल आईएएस

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बस में कंडक्‍टरी करने वाले मधु एनसी ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएसई) की मुख्‍य परीक्षा पास कर ली है। कुछ दिन पहले आईएएस के अन्‍य अभ्‍यर्थियों की तरह ही बेंगलुरू में किसी जगह वह रिजल्‍ट टटोल रहा था।  जब उसकी नजर अपने रोल नंबर पर पड़ी होगी तो खुशी के उस बेशुमार क्षणों को समझा जा सकता है। आईएएस की परीक्षा में स‍फल रहे अन्‍य अभ्‍यर्थियों से इतर उसकी खुशी का मामला एकदम जुदा होना लाजिमी है। कयों कि वो बस में कंडक्‍टरी करता है, दिन में करीब आठ घंटे की बेहद थका देने वाली नौकरी, यही नहीं अपने परिवार में स्‍कूल जाने वाला वह पहला शख्‍स है। परिवार के लोग खुश तो हैं पर उन्‍हें आईएएस के बारे में ज्‍यादा कुछ नहीं मालूम। लेकिन कुछ अलग करने की लगन उसे खास बना दिया। बेंगुलूरू मेट्रोपॉलिटिन ट्रांसपोर्ट कंपनी की बस में नौकरी के बाद हर रोज पांच घंटे की पढ़ाई से वह अपनी मंजिल के करीब आ गया है। 29 वर्षीय मधु एनसी के सुर्खियों में आने का सिर्फ यही कारण नहीं है, बल्कि ये बात भी उल्‍लेखनीय है कि उसने इसके लिए कोई कोचिंग नहीं ली। हालांकि नौकरी और माली हालात के चलते कोचिंग करना संभव भी नहीं था। पिछले साल प्री-परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद ही मधु ने मेन्स के लिए दम लगाकर पढ़ाई की। मेन्स परीक्षा के लिए मधु ने पॉलिटिकल साइंस, इंटरनैशनल रिलेशन्स, एथिक्स, लैंग्वेज के साथ-साथ कई अन्य विषयों की जमकर पढ़ाई की। उन्होंने मेन्स परीक्षा में वैकल्पिक विषय के रूप में पॉलिटिकल साइंस और इंटरनैशनल रिलेशन्स को चुना। उन्होंने प्री-परीक्षा तो कन्नड़ में दी थी लेकिन मेन्स उन्होंने अंग्रेजी में लिखा। अब 25 मार्च को इंटरव्‍यू है। दुआ करें कि मधु को उनकी मेहनत की मंजिल मिल जाए।