संस्कृति-पर्यावरण

गंगा संरक्षण समिति: स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन, सीवरेज ट्रीटमेंट, प्रदूषण नियंत्रण एवं जन-जागरूकता पर फोकस

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मीडिया लाइव, चमोली : जिला गंगा संरक्षण योजना के अंतर्गत शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय गोपेश्वर में अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश की अध्यक्षता में विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में गंगा संरक्षण से जुड़े कार्यों जैसे नदी तटों की स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन, सीवरेज ट्रीटमेंट, प्रदूषण नियंत्रण एवं जन-जागरूकता कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की गई।

अपर जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को स्वच्छता एवं प्रदूषण नियंत्रण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने नगरों से निकलने वाले नालों को सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ने तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु एमआरएफ (मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) मानकों के अनुरूप स्थान चिन्हित कर प्रभावी निपटान सुनिश्चित करने पर बल दिया। नगर निकायों को डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, सूखा और गीला कचरा अलग-अलग निस्तारण करने के निर्देश दिए। साथ ही जल संस्थान को एनजीटी मानकों के अनुरूप सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट संचालित करने और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को बायोमेडिकल वेस्ट का वैज्ञानिक निस्तारण करने के निर्देश दिए।

बैठक में जिला परियोजना अधिकारी नमामि गंगे गोविन्द बुटोला ने अवगत कराया कि 1 अप्रैल से 22 सितम्बर 2025 तक नगर निकायों द्वारा प्लास्टिक एवं अन्य जीव अनाशित कचरा अधिनियम-2013 के अंतर्गत 282 चालान कर 1,07,700 का अर्थदंड वसूला गया। इसी अवधि में एंटी-लिटरिंग एवं एंटी-स्पिटिंग एक्ट के तहत 535 चालान कर 1,67,300 का अर्थदंड वसूल किया गया। साथ ही प्लास्टिक कम्पैक्ट मशीन से तैयार सामग्री के विक्रय से नगर निकायों ने 9,15,341.75 की आय अर्जित की।

बैठक में डीएफओ सर्वेश दुबे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिषेक गुप्ता, अधीक्षण अभियंता पेयजल निगम मोहम्मद वसीम सहित सभी अधिशासी अधिकारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारी-कर्मचारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे।