रोजगार मेले का भव्य आयोजन
मीडिया लाइव, देहरादून: तकनीकी शिक्षा मंत्री उत्तराखण्ड सरकार के दिशा निर्देशानुसार पॉलीटेक्निक संस्थाओं के सभी छात्र-छात्राओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु रोजगार मेलों का आयोजन किया जा रहा है। गढ़वाल मण्डल की 39 राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों के छात्र-छात्राओं के लिए शनिवार, दिनांक 19.04.2025 को राजकीय महिला पॉलीटेक्निक, सुद्धोवाला देहरादून में रोजगार मेले का आयोजन किया गया।
मेले का उद्घाटन मंत्री तकनीकी शिक्षा, भाषा, निर्वाचन एवं वन उत्तराखण्ड सरकार श्री सुबोध उनियाल, मुख्य अतिथि, की अध्यक्षता में किया गया। मेले में विशिष्ट अतिथि के रूप में सचिव तकनीकी शिक्षा डॉ रंजीत कुमार सिन्हा एवं तकनीकी शिक्षा निदेशक देशराज उपस्थित रहे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने वीडियो संदेश में रोजगार मेले में आए लगभग 77 कंपनियों का स्वागत करते हुए अवगत कराया गया कि गत वर्ष 65 प्रतिशत छात्र-छात्राओं का प्लेसमेंट हुआ था, जिसको बढ़ाते हुए शत प्रतिशत किए जाने का आवाहन किया गया। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि प्रधानमंत्री का लक्ष्य है कि छात्र रोजगार प्राप्त करने वाले नहीं बल्कि रोेजगार देने वाले बने। इसको साकार करते हुए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न स्टार्टअप योजनाओं के माध्यम से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप प्रारम्भ हुए हैं। उन्होंने छात्रों को राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ लेते हुए अधिक से अधिक स्टार्टअप प्रारम्भ करने के लिए प्रेरित किया ताकि माननीय प्रधानमंत्री जी का लक्ष्य साकार हो सके।
इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल के द्वारा छात्रों को सम्बोधित करते हुए प्रेरित किया कि वह रोजगार देने वाले बनें, जिससे कि वह अपने साथ-साथ अन्य छात्रों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकें। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि स्वयं के बिजनेस मॉड्यूल तैयार करें, स्टार्टअप शुरू करें। मंत्री ने छात्र-छात्राओं को सपने देखने के लिए आवाहन किया। जिसे वे उन सपनों को लक्ष्य बनाकर उसे पूर्ण करें। ने इमर्जिंग स्ट्रीम छात्र-छात्राओं को गुणवत्ता शिक्षा के साथ बेहतर लैब उपलब्ध हो, जिससे बच्चों को डिमांड बेस शिक्षा मिले। उत्तराखंड को बिजनेस और इनोवेशन का हब बनाना है।
मंत्री ने कहा कि वर्तमान में पॉलीटेक्निक संस्थानों में अध्ययनरत कुल छात्र-छात्राओं में से 29ण्11 प्रतिशत छात्रों को रोजगार मिल चुका है तथा विभाग सभी छात्रों को रोजगार देने के लिए प्रयासरत है। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि लगभग 4919 रिक्तियां विभिन्न कंपनियों में उपलब्ध है। कहा गया कि रोजगार के साथ-साथ स्वरोजगार के प्रयास किये जाएं। हमारे छात्र-छात्राओं में बहुत क्षमता है। उत्तराखंड के कई युवाओं ने इस क्षेत्र में उत्कृष्ट सफलता प्राप्त की है।
उनके द्वारा आशा व्यक्त की गई कि इस रोजगार मेले से कोई भी छात्र-छात्राएं निराश होकर नहीं जायेंगे। रोजगार की असीमित संभावनाएं हैं। माननीय मंत्री जी ने आवाह्न किया कि आइये हम सब मिलकर आज के उत्सव पर गुणवत्ता परक शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार के सृजन तथा एक समृद्ध एवं आत्मनिर्भर भारत तथा उत्तराखंड राज्य के निर्माण का संकल्प लें।
मंत्री ने निर्देश दिए कि इमर्जिंग टेक्नोलॉजी में प्रारम्भ किये गये पाठ्यक्रमों में छात्रों की रूचि को जागरूक करने हेतु बृहद् प्रचार-प्रसार किया जाये। साथ ही राज्य में विभिन्न विद्यालयों में कक्षा 10 में अध्ययनरत छात्रों को रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के सम्बन्ध में विस्तृत रूपरेखा तैयार कर जागरूक किया जाये।
इस अवसर पर सचिव तकनीकी शिक्षा डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा देश एक ऐसे परिवर्तनशील दौर से गुजर रहा है जहां कौशल नवाचार और उद्यमशीलता विकास के मुख्य आधार बनते जा रहे हैं। इस गति से कदम मिलाकर चलने के लिये यह आवश्यक है कि हमारे युवा न केवल शिक्षा प्राप्त करें, बल्कि व्यवहारिक कौशल से भी सुसज्जित हों और बदलती हुई उद्योग जगत की मांगों के लिये पूर्ण रूप से तैयार रहें। सचिव ने छात्र-छात्राओं को अपने अंदर सॉफ्ट स्किल, इंटरप्रेनरशिप स्किल तथा जनरल परपज स्किल विकसित करने के लिए प्रेरित किया, साथ ही कंपनियों को छात्र-छात्राओं से संबंधित फीड-बैक उपलब्ध कराने के लिए कहा। जिससे उनकी मांग के अनुसार छात्र-छात्राओं को उद्योगों हेतु तैयार किया गया। तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा अपने छात्रों को कौशल शिक्षा देकर विभिन्न क्षेत्रों में अभूतपूर्व सेवाएं देने के लिए तैयार किया गया है। सचिव ने बताया गया कि उद्योगों की मांग के अनुसार आईआईटी दिल्ली, द्वारा पाठ्यक्रम तैयार कराया गया है साथ ही शैक्षणिक स्टाफ के अपग्रेडेशन हेतु आईआईटी दिल्ली, के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराया जायेगा।
डा सिन्हा, ने यह भी अवगत कराया गया है कि विभाग क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए तत्पर हैं। शासन द्वारा इमरजिंग फील्ड में उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप नये पाठ्यक्रम चलाने हेतु प्रोत्साहन दिया जा रहा है। तकनीकी शिक्षा विभाग उद्योगों की आवश्यकतानुसार कुशल तकनीकी प्रशिक्षण, अनुसंधान, नवाचार एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कृत संकल्पित है। संस्थानों में प्रशिक्षण के मानकीकरण के लिए विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं जैसे-
1- लैबों का स्टैंडर्ड ले आउट एवं नवीनतम उपकरणों से सुसज्जित करना।
2-छात्र/छात्राओं को आन जॉब ट्रेनिंग।
3-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, आईओटी, डाटा साइंस, मशीन लर्निंग, नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग जैसे विषयों को पाठ्यचर्या में सम्मिलित करना तथा लैब की स्थापना।
4-मल्टीडिसीप्लिनरी प्रोजक्टस।
जिससे हमारे छात्र वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम हो सकें। नवीन पाठ्यचर्या को शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू किया जा रहा है।
निदेशक, तकनीकी शिक्षा श्री देशराज ने अपने संबोधन में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए अवगत कराया कि इस रोजगार मेले में 77 कंपनियों एवं लगभग 1295 छात्र-छात्रायें इस रोजगार मेले में उपस्थित हुए। यह मेला एक सामान्य मेला नहीं बल्कि सपनों को साकार करने की यात्रा का आरम्भ है। हमारा देश आज बदलाव के दौर में है। स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया और आत्म निर्भर भारत जैसे अभियानों के जरियें सरकार युवाओं को हुनरमंद और सशक्त बना रही है। इसी कड़ी में रोजगार मेला न केवल नौकरी का जरिया है बल्कि यह छात्रों की मेहनत, लगन और क्षमता को पहचान दिलाने का मंच है।
अंत में उनके द्वारा उद्योग प्रतिनिधियों का हृदय से धन्यवाद किया तथा कहा कि वे हमारे छात्रों की क्षमता में उद्योग विश्वास करते हैं। शिक्षकों का आभार प्रकट किया जो अपने विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने में मार्गदर्शक बनें और अभिभावकों को बधाई जिन्होंने बच्चों का सपना सहेज कर उन्हें यहां तक पंहुचाया।