पर्यटन विकास को लेकर DM पौड़ी ने ब्लॉक अफसरों को निर्देश दिये
मीडिया लाइव: जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में अजीविका से संबंधित स्वयं सहायता समूह, उद्यम के विशेषज्ञ एवं संबंधित अधिकारियों के साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत चर्चा की गई। जिसमें जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी को स्वयं सहायता समूह द्वारा किये जा रहे कार्यों को और बेहतर स्वरूप देने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी खण्ड विकास अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत एक-एक गांव में स्वयं सहायता समूहों द्वारा संगठित रूप से कार्य करवाने के निर्देश दिये। जबकि उद्यम के मार्गदर्शक द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को स्वरोजगार हेतु तकनीकी दृष्टिकोण से उत्पादन से लेकर मार्केटिंग तक व्यवसायिक सहयोग की जानकारी दी। ये बैठक मंगलवार को विकास भवन सभागार पौड़ी में आयोजित की गयी.
बैठक में डीएम ने कहा कि कार्य में अग्रेसित स्वयं सहायता समूह के कार्याशाला में समूहों का भ्रमण करवाते हुए जानकारी देना सुनिश्चित करें। कहा कि ब्लॉक के ऐसे गांव जहां पर्यटकों के आवागमन की अच्छी सम्भावना है, उन गांवों में स्वयं सहायता समूहों को संगठित होकर कार्य करने की जरूरत है, जिससे उनकी आजीविका में आर्थिकी संबर्द्धन के साथ-साथ क्षेत्र में स्वरोजगार को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने जनपद के समस्त खण्ड विकास अधिकारी को अपने ब्लॉक के अन्तर्गत एक-एक गांव का एक सप्ताह में चयन कर समूहों द्वारा यूनिटी के तर्ज पर मॉडल के रूप में विकसित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटक एवं यात्रियों के आवागमन वाले स्थानों पर आउटलेट बनायेगें। जबकि अधिकारी-कर्मचारियों को समूह की सामाग्री को क्रय करने को कहा।
समूहों द्वारा उत्पादित सामाग्री के विक्रय पर मुख्य विकास अधिकारी दीप्ति सिंह कहा कि धूप, चौलाई के लड्डू सहित अन्य सामाग्रियों के विक्रय प्लानिंग पर कार्यवाही की जा रही है। कहा कि उत्पादित सामाग्री के विक्रय हेतु ठोस योजना में अमल में लाई जायेगी। आयोजित बैठक में जनपद के समस्त संचालित स्वयं सहायता समूहों द्वारा अजीविका के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की विस्तृत चर्चा की गई। जिसमें एपीडी सुनील कुमार सहित संबंधित अधिकारियों ने गठित समूहां द्वारा प्रत्येक क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जनपद में वर्ष भर समूहों के लिए उत्पादित स्थानीय फसलों से कार्य किये जा रहे है। जिनमें अचार, मशरूम उत्पादन, केरी बैग, धूप, सब्जी उत्पादन, बुनाई, क्राफ्टिंग, फुटकर दुकान, मशाले उत्पादन आदि शामिल हैं। लेकिन उत्पादित सामाग्री को तकनीकी सहायता के साथ-साथ बाजार की जरूरत है, जिससे उनकी अजीविका में और बेहतर आर्थिकीय संबर्द्धन हो सके। उद्यम के मार्गदर्शक द्वारा प्रोजेक्टर के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में समूह लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए की गई कार्यां की जानकारी दी तथा उनके द्वारा लाभार्थियों के चयन एवं ऋण की भी जानकारी दी गई। इस दौरान विभिन्न सहायता समूहों, खण्ड विकास अधिकारी, संबंधित अधिकारियों द्वारा अजीविका के संबंध में विस्तृत चर्चा एवं सुझाव साझा किये गये। उद्यम के मार्गदर्शक ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने वाले समूहों एवं इच्छुक लोगों से सम्पर्क कर स्वरोजगार को सही दिशा देने की कवायद शुरू कर रहे हैं। जिससे अन्य जनपद के अपेक्षा यहां पर भी लोगों को तकनीकी दृष्टिकोण के तर्ज पर स्वरोजगार को बढ़ावा मिल सके।
इस अवसर पर परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण एस.एस. शर्मा, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, उद्यम के मार्गदर्शक अंजली बनियाल, पंकज वाध्वा, डीएसटीओ निर्मल कुमार शाह, डीडीएम नाबार्ड भूपेन्द्र सिंह, वी.डी.ओ. आलिया पावेज, सुमनलता, अर्पणा बहुगुणा, आर.एस. बिष्ट, आर.के. त्रिवेदी, सुमन राणा, समूहों से सरस्वती, लक्ष्मी रावत, लक्ष्मी नेगी, कैलाशी देवी, सविता, महावीर, कलावती देवी सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं समूह के लोग उपस्थित थे।