उत्तराखण्ड न्यूज़संस्कृति-पर्यावरण

ऐसे किस काम का हरेला : इन पेड़ों को काटने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं …

FacebookTwitterGoogle+WhatsAppGoogle GmailWeChatYahoo BookmarksYahoo MailYahoo Messenger

मीडिया लाइव, देहरादून: एक तरफ वन विभाग हरेला पर्व मना रहा है, जिसके तहत हजारों पेड़ लगाए जा रहे हैं। दूसरी तरफ वन मंत्री ने 15 प्रजाति के पेड़ों को छोड़कर अन्य प्रजातियों के पेड़ों को काटने की अनुमति दे दी है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि अगर कोई वन माफिया इनकी आड़ में प्रतिबंधित प्रजातियों के पेड़ों को काटता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

इन प्रजातियों के पेड़ों को मिली छूट: पीपल, बांज, खैर, देवदार, बिजा साल, बुरांस, शीशम, सागौन, सदन, साल, चीड़, अखरोट, आम और लीची प्रतिबंधित प्रजातियां हैं। इसके अलावा अब जिन प्रजातियों को छूट दी गई है, उसमें मुख्य रूप से कटहल, तुन, सिंबल, आंवला, जामुन, बहेड़ा, काफली, हरड़ और अन्य प्रजाति के पेड़ शामिल हैं। इससे पहले इन पेड़ों को काटने के लिए परमिशन लेनी पड़ती थी, लेकिन अब इन्हें छूट की श्रेणी में डाल दिया गया है।

वन मंत्री के फैसले पर उठे सवाल: सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर जोशी ने बताया कि वन विभाग के इस फरमान के बाद वन तस्कर सक्रिय दिखाई दे रहे हैं और इस आदेश की आड़ में प्रतिबंधित पेड़ों पर भी कुल्हाड़ी चलाई जा रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि 15 प्रजाति के पेड़ों को छोड़कर अन्य प्रजाति के पेड़ों को काटने की अनुमति देने की क्या आवश्यकता पड़ गई।

वन माफियाओं के खिलाफ होगी कार्रवाई: वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि 15 प्रजाति के पेड़ों को छोड़कर अन्य प्रजाति के पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई है और अगर कोई वन माफिया इनकी आड़ में प्रतिबंधित प्रजातियों के पेड़ों को काटता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।