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मिलने जा रहा है देश को बहुप्रतीक्षित लोकपाल

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मीडिया लाइव : आपको अन्ना आंदोलन याद है, न , हाँ हाँ वही अन्ना हजारे जिनके साथ दिल्ली में पूरा देश मानो इकठ्ठा हो गया था. चलिए अब उसी लोकपाल आंदोलन को याद करते हुए पूरी खबर पढ़ लीजिये .
जी हाँ जो खबर आ रही है उसके मुताबिक देश को पहला लोकपाल जल्द ही मिल सकता है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस पिनाकी घोष को देश का पहला लोकपाल बनाने की सिफारिश की गई है. पीएम नरेंद्र मोदी, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन,जानमाने कानूनविद मुकुल रोहतगी की चयन समिति ने उनका नाम की सिफारिश की है. इसकी आधिकारिक घोषणा एक दो दिन में हो सकती है.

 

 

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे भी चयन समिति के सदस्य हैं, पर वे इस चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार जस्टिस घोष की नियुक्ति वाली फाइल को राष्ट्रपति को भेज चुकी है.
आपको बतातें चलें कि नेताप्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकपाल चयन समिति की बैठक में शामिल होने की सरकार की पेशकश को लगातार सातवीं बार खारिज करते हुए कहा था कि ‘विशेष आमंत्रित सदस्य’ के लोकपाल चयन समिति का हिस्सा होने या इसकी बैठक में शामिल होने का कोई प्रावधान नहीं है. अब देखना ये होगा कि देश को जल्द ही मिलाने वाले लोकपाल से भ्रष्टाचार में कितनी रहत मिलती है.

देश को पहला लोकपाल जल्द ही मिल सकता है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस पिनाकी घोष को देश का पहला लोकपाल बनाने की सिफारिश की गई है. पीएम नरेंद्र मोदी, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन,जानमाने कानूनविद मुकुल रोहतगी की चयन समिति ने उनका नाम की सिफारिश की है. इसकी आधिकारिक घोषणा एक दो दिन में हो सकती है.

 

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे भी चयन समिति के सदस्य हैं, पर वे इस चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार जस्टिस घोष की नियुक्ति वाली फाइल को राष्ट्रपति को भेज चुकी है.
आपको बतातें चलें कि नेताप्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकपाल चयन समिति की बैठक में शामिल होने की सरकार की पेशकश को लगातार सातवीं बार खारिज करते हुए कहा था कि ‘विशेष आमंत्रित सदस्य’ के लोकपाल चयन समिति का हिस्सा होने या इसकी बैठक में शामिल होने का कोई प्रावधान नहीं है. अब देखना ये होगा कि देश को जल्द ही मिलाने वाले लोकपाल से भ्रष्टाचार में कितनी रहत मिलती है.