पहाड़ियों की तिकड़ी ने पस्त किये पाकिस्तान के हौसले
मीडिया लाइव : जैसे ही अल सुबह देश की आंखे खुली, चाय की चुस्कियां लेते हुए दिनभर के कार्यक्रमों की तैयारी करने के साथ लोगों ने अपने मोबाइल और टीवी सेट ऑन किए. खबर मिली कि भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के प्रायोजित आतंकियों का पीओके में घुस कर काम तमाम कर दिया. यह अचानक यूं ही नहीं हुआ, बल्कि इसके पीछे उत्तराखंड के पहाड़ के बेटों का दिमाग और रणनीति काम कर रही थी. आपको बता दें कि जैसे पिछली बार देश ने सर्जिकल अटैक की खबर सुनी थी.ठीक उसी अंदाज में एक बार देश को फिर से धमाकेदार ख़ुशी और गौरवान्वित करने वाली खबर देखने को मिली.
खास तौर पर उत्तराखंड के लोगों के लिए यह खबर कई मायनों में बेहद खास है. क्योंकि एक बार फिर पहाड़ के पुत्रों ने अपनी योग्यता कौशल के बूते पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की कमर तोड़ दी है.यह कमाल कर दिखाया है रण कौशल में निपुण उत्तराखंड के लाल भारतीय थलसेना अध्यक्ष बिपिन रावत, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रॉ प्रमुख अनिल धस्माना ने. इस तिकड़ी के साथ भारतीय वायु सेना प्रमुख की जुगलबंदी ने देश की भावनाओं के अनुरूप काम कर दिखाया है. सरकार के स्तर पर पूरी छूट मिल जाने के बाद सारा दायित्व अघोषित तौर पर इन लोगों के कन्धों पर आ गया था. इस तिकड़ी ने ही इसकी फुल प्रूफ प्लानिंग कर के पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दे दिया. जिसका परिणाम पूरी दुनिया के सामने आ गया है. चल रही थी। सेना को कश्मीर में डिप्लॉय किया गया तो सिर्फ इसलिए कि पाकिस्तानी सेना, ISI और आतंकवादीयों का ध्यान दूसरी तरफ भटके। इधर NSA डोभाल और आर्मी चीफ जनरल रावत अपनी प्लानिंग में जुए गए। उधर रॉ चीफ धस्माना भी अपने प्लान को फुलप्रूफ करने में जुट गए. से. अब सांसे अटकी थी…एयरफोर्स की खास टीम को तैयार गया। वक्त तैयार किया और तय हुआ कि ढाई से लेकर साढ़े तीम के बीच बॉर्डर के उस पार सभी का खात्मा करके आना है।
भारतीय वायुसेना ने लिया पुलवामा का बदला- पाकिस्तान ने भी इस बात को स्वीकारा है कि भारतीय वायुसेना का विमान उनकी सीमा में दाखिल हुआ। पाक ने इंडियन एयर फोर्स पर नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। आईएएफ सूत्रों के अनुसार 12 मिराज पीओके के बालाकोट तक दाखिल हुए, और जैश के ठिकानों पर हमला किया। इस दौरान करीब 1000 किलोग्राम बम एलओसी के पार आतंकी कैंप्सम पर गिराए गए हैं। अगर ये बात सच है तो साल 1999 में हुई कारगिल वॉर के बाद ये पहला मौका होगा जब इंडियन एयर फोर्स के जेट्स ने एलओसी पार की है। बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू से श्रीनगर जा रहे सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली थी। सरकार की तरफ से इसकी आधिकारिक पुष्टी होना अभी बाकी है।