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बोले पीएम मोदी- महिला सशक्तीकरण के लिए आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने की जरूरत

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) एवं डीडीयू-जीकेवाई तथा आरएसईटीआई के तहत स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के साथ सीधे संवाद किया. पीएम मोदी ने कहा कि महिला सशक्तिकरम का मतलब है उन्हें समान अवसर देना. उन्होंने कहा कि देश की महिलाओं में सामर्थ्य है और सफलता के लिए कुछ कर गुजरने की ताकत भी है. वे परिवार, समाज और देश का ख्याल रखती हैं और अच्छे से टाइम मैनेजमेंट करती हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के 22 जिलों में 122 बिहान बाजार आउटलेट बनाए गए हैं जहां स्वंय सहायता समूहों के 200 वैरायटी के प्रोडक्ट बेचे जाते हैं.  पीएम मोदी ने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत ग्रामीण युवाओं के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. युवाओं को रोजगार और स्व-रोजगार, दोनों के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि देश के युवा अपनी आशा-आकांक्षा के अनुरूप आगे बढ़ सकें.पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना को सभी राज्यों में शुरु किया जा चुका है. मैं सभी राज्यों और वहां के अधिकारियों का भी अभिनन्दन करना चाहूंगा जिन्होंने इस योजना को लाखों-करोड़ों महिलाओं तक पहुँचा कर उनके जीवन में सुधार लाने का काम किया है.

– पीएम मोदी ने कहा कि महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता उन्हें समाज की बुराइयों से लड़ने की शक्ति देती है.  उन्होंने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत देश भर की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में करोड़ों ग्रामीण गरीब परिवारों तक पहुंचने का, उन्हें स्थायी आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज आप किसी भी सेक्टर को देखें, तो आपको वहां पर महिलाएं बड़ी संख्या में काम करती हुए दिखेंगी. उन्होंने कहा कि देश के एग्रीकल्चर सेक्टर और डेयरी सेक्टर की तो महिलाओं के योगदान के बिना कल्पना ही नहीं की जा सकती.
पीएम मोदी ने कहा कि महिला के सशक्तिकरण के लिए जरूरी है कि वो आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हों. महिलाओं का आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना हर निर्णय की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक बहुत बड़ा कारण बनता है. उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण की जब हम बात करते हैं तो सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता होती है, महिलाओं को स्वयं की शक्तियों को, अपनी योग्यता को, अपने हुनर को पहचानने का अवसर उपलब्ध कराना.
बता दें कि चुने हुए कुछ लाभार्थियों में बिहार का शराब विरोधी आंदोलन, मक्का मूल्य श्रृंखला एवं विपणन, छत्तीसगढ़ की ईट निर्माण इकाई, झारखण्ड का बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट सखी एवं इमली मूल्य श्रृंखला तथा विपणन, मध्य प्रदेश का सेनेटरी नैपकिन का विनिर्माण एवं विपणन तथा डीडीयू-जीकेवाई, राजस्थान का सोलर पैनल एवं लैम्प का विनिर्माण एवं विपणन, महाराष्ट्र का पशु सखी एवं डीडीयू-जीकेवाई, जैसे स्वयं सहायता समूह शामिल हैं जो प्रत्यक्ष संवाद में भाग लिया.
इसके अतिरिक्त, तमिलनाडु के दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए युक्तियां, तेलंगाना के एसएचजी के निर्माण के लिए बाहरी समुदाय संसाधन व्यक्ति, जम्मू एवं कश्मीर के डेरी फॉर्म तथा गुजरात के नीम बीजों का संग्रह एवं विपणन भी संवाद का हिस्सा लिया.