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झील के संरक्षण के लिए आईआईटी रुड़की ने की 35.14 करोड़ की योजना तैयार

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खूबसूरत नैनीझील के संरक्षण के लिए भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईटी) रुड़की के वैकल्पिक जल उर्जा केन्द्र ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। आईआईटी रुड़की के वैकल्पिक जल ऊर्जा केन्द्र के प्राध्यापक प्रो. अरुण कुमार ने एलडीए सभागार में झील सुरक्षा समिति की बैठक में 35.14 करोड़ के इस प्रस्ताव का विस्तृत डाटा प्रजेंटेशन दिया, जिस पर आयुक्त कुमाऊं राजीव रौतेला ने बैठक में मौजूद लोगों से इस प्रस्ताव पर 10 दिन के भीतर अपनी राय एवं सुझाव संबंधित विभागों को उपलब्ध कराने को कहा ताकि प्राप्त सुझावों को आईआईटी रुड़की को भेजकर आवश्यक संशोधन कराने के उपरांत प्रस्ताव शासन को धनराशि अवमुक्त करने हेतु प्रेषित किया जा सके।

इसके साथ ही आयुक्त ने अब तक झील में निर्धारित मानकों के अनुरूप जलसंग्रह ना हो पाने पर भी चिंता जताते हुए सभी स्तरों से पानी की बर्बादी हर तरह की लीकेज रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों को संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। आयुक्त ने जलसंस्थान के जीएम एच. के. पांडेय को युद्धस्तर पर पेयजल लाइनों की लीकेज बंद कराने और डीएम विनोद कुमार सुमन से घरों-प्रतिष्ठानों में पानी की लीकेज को बंद कराने के लिये जलसंस्थान के माध्यम से विशेष अभियान चलाने को कहा। वर्षा के पानी के सीवरेज लाइनों से जुड़े होने की बात संज्ञान में आने पर आयुक्त ने जल संस्थान को ऐसे संयोजनों को विच्छेद करने के कड़े निर्देश दिये। साथ ही सभी 60 नालों की मरम्मत, सफाई, के अलावा सूखाताल मे रिजार्च सिस्टम का समावेश भी करने को कहा।

वैज्ञानिक शोध में पता चला है कि नैनी झील में हर साल एक सेमी तक गाद जमा हो रही है। वैज्ञानिकों के लिए चिंता की बात यह कि नैनी झील में समाने वाली गाद भीमताल की तुलना में 30 गुना अधिक है। पिछले साल जब झील का जल स्तर शून्य से 5 मीटर से भी अधिक नीचे पहुंच गया था तो भूगर्भशास्त्री प्रो. बहादुर सिंह कोटलिया ने 6.8 मीटर नीचे खुदाई कर मिट्टी निकाली थी। प्रो. कोटलिया ने बताया कि मिटट्टी के गहन परीक्षण के बाद पता चला है कि यह मिट्टी लगभग 135-40 साल पुरानी होगी। खुदाई के समय झील की तलहटी में विशालकाय बोल्डर भी मशीन से टकराए थे। दोनों अध्ययनों से इस बात के स्पष्ट संकेत मिले कि खुदाई में मिली मिट्टी और मशीन से टकराए बोल्डर 1880 की त्रासदी के होंगे। विभाग अभी भी झील पर लगातार अध्ययन कर रहा है। (NBT)