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घर बचाने को जुटे लोग, सियासत हुई तेज, क्या है हल्द्वानी रेलवे जमीन विवाद ?

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हल्द्वानी: जिला प्रशासन ने रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए अतिक्रमण क्षेत्र को चार सुपर जोन में बांटा है। सुपर जोन में एडीएम स्तर के अधिकारी और जोन, सेक्टर में एसडीएम स्तर के अधिकारी तैनात होंगे। इसके लिए 10 एडीएम और 30 एसडीएम मांगे गए हैं। वहीं मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि यह मानवीय समस्या है। इसे केवल कानूनी या राजनीतिक समस्या के तौर पर न देखा जाए।

हल्द्वानी रेलवे भूमि प्रकरण को लेकर उत्तराखंड में सियासत तेज हो गई है। पूर्व सीएम हरीश रावत मामले को लेकर हल्दानी में उपवास पर बैठे हैं। रावत ने रेलवे भूमि के अतिक्रमण के मामले में कहा कि पुराने समय से रह रहे लोगों का पुनर्वास किया जाना जरूरी है। कहा कि सरकार योजनाबद्ध तरीके से इनका पुनर्वास कर सकती है। कहा कि हल्द्वानी में जो लोग 60 से 70 वर्षों से रह रहे हैं, उन घरों को तोड़ने का आदेश न्यायालय की ओर से हो गया है।

वहीं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य सरकार ने न्यायालय में अपना प्रकरण सही तरह से नहीं रखा है। कहा कि रेलवे जिसको अपनी जमीन बता रहा है, उस जगह पर कई सरकारी स्कूल, फ्री होल्ड जमीन और सरकारी संपत्ति हैं। इसलिए राज्य सरकार को चाहिए कि वह उच्चतम न्यायालय में अपना पक्ष रखे। कहा कि सरकार के मन में खोट है और वह किसी भी तरह से पीड़ितों को बेदखल करना चाहती है।

रेलवे भूमि की जद में आ रहे बनभूलपुरा के लोग अपने आशियाने बचाने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटे हुए हैं। लाइन नंबर 17 में चोरगलिया रोड के पास सैकड़ों लोग एकजुट हुए और सामूहिक दुआ की। मस्जिद बिलाली के पेश इमाम मौलाना मो. आसिम ने दुआ कराई। घर और मकानों बचाने के लिए बारगाहे इलाही में गुहार लगाई।

यह पूरा मामला
रेलवे भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर दिया है। इसमें रेलवे स्टेशन से 2.19 किमी दूर तक अतिक्रमण हटाया जाना है। खुद अतिक्रमण हटाने के लिए सात दिन की मोहलत दी गई थी। जारी नोटिस में कहा गया है कि हल्द्वानी रेलवे स्टेशन 82.900 किमी से 80.710 किमी के बीच रेलवे की भूमि पर सभी अनाधिकृत कब्जों को तोड़ा जाएगा। सात दिन के अंदर अतिक्रमणकारी खुद अपना कब्जा हटा लें, अन्यथा हाईकोर्ट के आदेशानुसार अतिक्रमण तोड़ दिया जाएगा। उसका खर्च भी अतिक्रमणकारियों से वसूला जाएगा। अतिक्रमण तोड़ने के दौरान अगर गिरफ्तार करने की नौबत आई तो इसके लिए ऊधमसिंह नगर में जेल बनाने की योजना बनाई जा रही है। गुरुतेग बहादुर स्कूल में दो कंपनी पीएसी पहुंची है।

डीएम ने 29 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने नगर निगम को सफाई करने, जलसंस्थान को स्टेडियम में पानी चलाने और लोनिवि को जनरेटर, शौचालय, स्नानघर और किचन बनाने के निर्देश दिए थे। मिनी स्टेडियम हल्द्वानी में भी पानी, शौचालय, स्नानघर बनाने के निर्देश दिए थे। उधर लोनिवि ने स्नानघर, किचन, बनाने का काम शुरू कर दिया है। जलसंस्थान ने अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में पानी की व्यवस्था कर दी है। मिनी स्टेडियम में भी स्नानघर बनाए जा रहे हैं।

जिला प्रशासन ने रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए अतिक्रमण क्षेत्र को चार सुपर जोन में बांटा है। सुपर जोन में एडीएम स्तर के अधिकारी और जोन, सेक्टर में एसडीएम स्तर के अधिकारी तैनात होंगे। इसके लिए 10 एडीएम और 30 एसडीएम मांगे गए हैं। अतिक्रमण तोड़ने की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, प्रशासन की तैयारियां भी तेज होती जा रही हैं। जिला प्रशासन ने अतिक्रमण वाले क्षेत्र को चार सुपर जोन, 14 जोन और 30 सेक्टर में बांटा है। सूत्रों के अनुसार सुपर जोन में एडीएम और एसपी रैंक के अधिकारी तैनात होंगे। जोन में एडीएम, एएसपी रैंक और सेक्टर में एसडीएम, तहसीलदार, सीओ रैंक के अधिकारी तैनात होंगे। डीएम धीराज गर्ब्याल ने बताया कि तैयारियां तेज कर दी गई हैं। पांच जनवरी को सुप्रीम कोर्ट का जैसा आदेश आएगा, उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।