उत्तराखण्ड न्यूज़सियासत

पहाड़ियों को गाली देने के बाद आज क्या क्या हुआ उत्तराखंड की सियासत में

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मीडिया लाइव, देहरादून संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के सदन में पहाड़ियों के लिए बोले गए अपमानजनक शब्द के बाद प्रदेश में कल से उबाल आया हुआ है। रात भर सोशल मीडिया में अग्रवाल को लेकर लोग खासे आक्रोशित हैं। आज विधानसभा सत्र की शुरुआत में ही मंत्री के खिलाफ विपक्ष को लामबंद देखा गया। इसके अलावा बाहर सड़कों पर जगह जगह मंत्री के विरोध में पुतले दहन किये गए कहीं मंत्री के पुतले की शव यात्रा तक निकाली गयी। बवाल बढ़ता देख मंत्री ने अपनी बात पर खेद जताया। हालाँकि वे पहले इसे तोड़मरोड़ कर पेश करने की बात कहते रहे। लेकिन जब विधानसभा स्पीकर ने सदन को बताया कि अग्रवाल द्वारा कहे गए शब्दों को सदन की कार्रवाई से हटा दिया गया है। इससे साफ़ हो जाता है कि प्रेम चंद के बोले गए शब्द असंसदीय और अशोभनीय थे।

इस पूरे मामले में उत्तराखंड क्रांतिदल ने देहरादून में मंत्री का पुतला जलाया, वहीं राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने भी मंत्री का पुतला दहन करने के साथ ही प्रदर्शन किया। इसके अलावा सोशल मीडिया पर लोगों की नाराजगी विधानसभा स्पीकर ऋतू खंडूरी को लेकर भी नजर आई। उनके वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। साथ ही चौबट्टाखाल से विधायक और पर्यटन मंत्री सतपाल महराज भी प्रेम चंद अग्रवाल का बचाव करते हुए देखे गए। इस पूरे मामले पर पहाड़ के लोग खासे नाराज नजर आ रहे हैं। इसका असर सोशल मीडिया पर साफ देखा जा सकता है। बद्रीनाथ से कांग्रेस विधायक लखपत सिंह बुटोला ने सदन में इस मुद्दे को बेहद गंभीरता से रखा। जिस पर विधानसभा स्पीकर उन्हें एक खास अंदाज में रोकती और टोकती हुई नजर आई। जबकि खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के मामले में वह बेहद शालीनतना बरतते हुए दिखाई दी। वीडियो पर भी सोशल मीडिया में घमाशान मचा हुआ है। इसके बाद लखपत बुटोला सदन छोड़कर बाहर आने को मजबूर हो गए। ये तमाम बातें हैं जिन पर लोग उत्तराखंड के विधायकों की एक एक बात पर नजर रखे हुए हैं।

अब खबर प्रेम चंद को अग्रवाल के पूरे विवाद पर उनकी तरफ से आई खेद की करते हैं। : देहरादून कल से चल रहे बवाल के बाद आज उत्तराखंड के संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने बीते रोज सदन के भीतर दिए गए बयान पर खेद जताया है. आज विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से माफी मांगने की मांग को लेकर खूब तेवर दिखाए. एक विपक्षी सांसद तो सदन में कागज फाड़कर अपनी सीट से भी उठ गए थे. वहीं प्रेमचंद अग्रवाल को उनके साथी मंत्रियों और विधायकों का साथ भी नहीं मिल पा रहा था।

मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जताया खेद: विधानसभा सदन में दिए गए संसदीय कार्यमंत्री के बयान पर कल से चल रहे बबाल के बाद अब प्रेमचंद अग्रवाल बैकफुट पर हैं। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड में रह रहे सभी लोग उनके परिवार हैं. परिवार के लोगों के समक्ष अनजाने में कही गई बात के लिए खेद प्रकट करने में उन्हें संकोच नहीं है. हालांकि उन्होंने अपने बयान में ये भी जोड़ा कि सदन के भीतर उनके द्वारा कही गई बात को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है।

उत्तराखंड में ही जीना-मरना: संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि मेरे बयान को कुछ लोग ग़लत तरीक़े से तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। मैंने कहा था कि सारे उत्तराखंड में देश के सभी हिस्सों के लोग रहते हैं। हम सभी उत्तराखंड के हैं और उत्तराखंड हमारा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हमारे हृदय में समाया है। मैंने सारे उत्तराखंड की बात की थी. उन्होंने कहा कि मैं उत्तराखंड में पैदा हुआ. उत्तराखंड में पला-बढ़ा। यहीं मुझे जीवन व्यतीत करना है और यहीं मरना है. उन्होंने कहा कि मेरा उद्देश्य और कथन का आशय यह था कि उत्तराखंड एक गुलदस्ता है, जिसमें हर तरह के रंग बिरंगे फूल इसकी खूबसूरती हैं. मेरे बयान को ग़लत तरीक़े से पेश किया गया।

भावनाएं आहत करना मेरा उद्देश्य नहीं- प्रेमचंद: उन्होंने कहा कि मेरी बात से कई लोगों की भावनाएं आहत हो गई हैं, ऐसा मुझे महसूस हो रहा है. मेरी वजह से किसी को पीड़ा पहुंचे यह मेरा स्वभाव नहीं है. इसलिए जाने अनजाने जिस किसी को भी पीड़ा पहुंचीं है, उसके लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूं।

परिवार से खेद प्रकट करने में संकोच नहीं: मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल कहा कि हम सब एक परिवार हैं और परिवार में छोटों का स्नेह और बड़ों का आशीर्वाद मेरे ऊपर बने रहना चाहिएभावनाएं आहत करना मेरा उद्देश्य नहीं- प्रेमचंद: उन्होंने कहा कि मेरी बात से कई लोगों की भावनाएं आहत हो गई हैं, ऐसा मुझे महसूस हो रहा है. मेरी वजह से किसी को पीड़ा पहुंचे यह मेरा स्वभाव नहीं है. इसलिए जाने अनजाने जिस किसी को भी पीड़ा पहुंचीं है, उसके लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूं।

परिवार से खेद प्रकट करने में संकोच नहीं: मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल कहा कि हम सब एक परिवार हैं और परिवार में छोटों का स्नेह और बड़ों का आशीर्वाद मेरे ऊपर बने रहना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के सदस्यों के सामने खेद प्रकट करने में उन्हें कोई संकोच नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के सदस्यों के सामने खेद प्रकट करने में उन्हें कोई संकोच नहीं हैभावनाएं आहत करना मेरा उद्देश्य नहीं- प्रेमचंद: उन्होंने कहा कि मेरी बात से कई लोगों की भावनाएं आहत हो गई हैं, ऐसा मुझे महसूस हो रहा है। मेरी वजह से किसी को पीड़ा पहुंचे यह मेरा स्वभाव नहीं है। इसलिए जाने अनजाने जिस किसी को भी पीड़ा पहुंचीं है, उसके लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूं।

परिवार से खेद प्रकट करने में संकोच नहीं: मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल कहा कि हम सब एक परिवार हैं और परिवार में छोटों का स्नेह और बड़ों का आशीर्वाद मेरे ऊपर बने रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के सदस्यों के सामने खेद प्रकट करने में उन्हें कोई संकोच नहीं हैभावनाएं आहत करना मेरा उद्देश्य नहीं- प्रेमचंद: उन्होंने कहा कि मेरी बात से कई लोगों की भावनाएं आहत हो गई हैं, ऐसा मुझे महसूस हो रहा है. मेरी वजह से किसी को पीड़ा पहुंचे यह मेरा स्वभाव नहीं है. इसलिए जाने अनजाने जिस किसी को भी पीड़ा पहुंचीं है, उसके लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूंभावनाएं आहत करना मेरा उद्देश्य नहीं- प्रेमचंद: उन्होंने कहा कि मेरी बात से कई लोगों की भावनाएं आहत हो गई हैं, ऐसा मुझे महसूस हो रहा है. मेरी वजह से किसी को पीड़ा पहुंचे यह मेरा स्वभाव नहीं है. इसलिए जाने अनजाने जिस किसी को भी पीड़ा पहुंचीं है, उसके लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूं।

परिवार से खेद प्रकट करने में संकोच नहीं: मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल कहा कि हम सब एक परिवार हैं और परिवार में छोटों का स्नेह और बड़ों का आशीर्वाद मेरे ऊपर बने रहना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के सदस्यों के सामने खेद प्रकट करने में उन्हें कोई संकोच नहीं है।

परिवार से खेद प्रकट करने में संकोच नहीं: मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल कहा कि हम सब एक परिवार हैं और परिवार में छोटों का स्नेह और बड़ों का आशीर्वाद मेरे ऊपर बने रहना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के सदस्यों के सामने खेद प्रकट करने में उन्हें कोई संकोच नहीं है।

मीडिया लाइव, देहरादून : देहरादून कल से चल रहे बवाल के बाद आज उत्तराखंड के संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने बीते रोज सदन के भीतर दिए गए बयान पर खेद जताया है। आज विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से माफी मांगने की मांग को लेकर खूब तेवर दिखाए। एक विपक्षी सांसद तो सदन में कागज फाड़कर अपनी सीट से भी उठ गए थे। वहीं प्रेमचंद अग्रवाल को उनके साथी मंत्रियों और विधायकों का साथ भी नहीं मिल पा रहा था।

मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जताया खेद: विधानसभा सदन में दिए गए संसदीय कार्यमंत्री के बयान पर कल से चल रहे बबाल के बाद अब प्रेमचंद अग्रवाल बैकफुट पर हैं। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड में रह रहे सभी लोग उनके परिवार हैं।परिवार के लोगों के समक्ष अनजाने में कही गई बात के लिए खेद प्रकट करने में उन्हें संकोच नहीं है. हालांकि उन्होंने अपने बयान में ये भी जोड़ा कि सदन के भीतर उनके द्वारा कही गई बात को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है।

उत्तराखंड में ही जीना-मरना: संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि मेरे बयान को कुछ लोग ग़लत तरीक़े से तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। मैंने कहा था कि सारे उत्तराखंड में देश के सभी हिस्सों के लोग रहते हैं। हम सभी उत्तराखंड के हैं और उत्तराखंड हमारा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हमारे हृदय में समाया है। मैंने सारे उत्तराखंड की बात की थी. उन्होंने कहा कि मैं उत्तराखंड में पैदा हुआ। उत्तराखंड में पला-बढ़ा। यहीं मुझे जीवन व्यतीत करना है और यहीं मरना है. उन्होंने कहा कि मेरा उद्देश्य और कथन का आशय यह था कि उत्तराखंड एक गुलदस्ता है, जिसमें हर तरह के रंग बिरंगे फूल इसकी खूबसूरती हैं। मेरे बयान को ग़लत तरीक़े से पेश किया गया।

भावनाएं आहत करना मेरा उद्देश्य नहीं- प्रेमचंद: उन्होंने कहा कि मेरी बात से कई लोगों की भावनाएं आहत हो गई हैं, ऐसा मुझे महसूस हो रहा है। मेरी वजह से किसी को पीड़ा पहुंचे यह मेरा स्वभाव नहीं है। इसलिए जाने अनजाने जिस किसी को भी पीड़ा पहुंचीं है, उसके लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूं।

परिवार से खेद प्रकट करने में संकोच नहीं: मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल कहा कि हम सब एक परिवार हैं और परिवार में छोटों का स्नेह और बड़ों का आशीर्वाद मेरे ऊपर बने रहना चाहिए भावनाएं आहत करना मेरा उद्देश्य नहीं- प्रेमचंद: उन्होंने कहा कि मेरी बात से कई लोगों की भावनाएं आहत हो गई हैं, ऐसा मुझे महसूस हो रहा है. मेरी वजह से किसी को पीड़ा पहुंचे यह मेरा स्वभाव नहीं है. इसलिए जाने अनजाने जिस किसी को भी पीड़ा पहुंचीं है, उसके लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूं।

परिवार से खेद प्रकट करने में संकोच नहीं: मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल कहा कि हम सब एक परिवार हैं और परिवार में छोटों का स्नेह और बड़ों का आशीर्वाद मेरे ऊपर बने रहना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के सदस्यों के सामने खेद प्रकट करने में उन्हें कोई संकोच नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के सदस्यों के सामने खेद प्रकट करने में उन्हें कोई संकोच नहीं हैभावनाएं आहत करना मेरा उद्देश्य नहीं- प्रेमचंद: उन्होंने कहा कि मेरी बात से कई लोगों की भावनाएं आहत हो गई हैं, ऐसा मुझे महसूस हो रहा है। मेरी वजह से किसी को पीड़ा पहुंचे यह मेरा स्वभाव नहीं है। इसलिए जाने अनजाने जिस किसी को भी पीड़ा पहुंचीं है, उसके लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूं।

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