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उत्तराखण्ड में इस गांव ने की हैं सीमित संसाधनों में प्रवासियों के लिए क्वारन्टीन की शानदार व्यवस्था

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मीडिया लाइव, ब्यूरो: वैश्विक महामारी COVID-19 कोरोना से पूरी मानव जाति दहशत में जीने को मजबूर है. दुनिया भर में लोग पलायन कर रहे हैं. तमाम उद्योग धंदे और उनसे जुड़ी इकाइयां लगभग बन्द हैं. लोग अपने पैतृक और मूल स्थानों को लौट रहे हैं. इसका असर सब जगह देखा जा रहा है. लिहाजा इन लौटने वाले प्रवासियों को लेकर और बीमारी की गंभीरता को देखते हुए, स्थानीय सरकारें, प्रशासन, निकाय और गांव पंचायते सकते में हैं. कई स्थानों पर अच्छी व्यवस्थाएं की जा रही हैं, तो कुछ जगह हालात बेहद खराब हैं.

प्रवासियों के लिए ग्रामीणों ने की रहने की व्यवस्थाएं
गांव के पास बन रहा कोरण्टाइन सेंटर।

उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल, तहसील थलीसैण के सीमांत ब्लॉक बीरोंखाल के सुकई गांव-ग्राम पंचायत ने बड़ी ही सूझ बूझ और समझदारी के साथ इस महामारी से निपटने को लेकर प्रवासियों के लिए बहुत सीमित संसाधनों में जिस तरह से व्यवस्था की है, वह वाकई शानदार कही जा सकती है. यहां प्रवासियों की हर एक जरूरत का खयाल रखा गया है, ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े. लेकिन ये सब करना इतना आसान नहीं था. वह भी जिले के दूरस्थ इलाके में, लेकिन पूरे गांव से राय-सुमारी कर ये सब व्यवस्थाएं की गई. इसमें सबसे बड़ी भूमिका गांव की महिला प्रधान की रही, जिन्होंने सारे गांव को साथ लेकर हालातों से निपटने को बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाया.

प्रधान सुकई गांव
सुकई की ग्राम प्रधान धनेश्वरी देवी

जिला मुख्यालय पौड़ी से करीब सवा सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित सुकई गांव की कुल आबादी लगभट 500 के आसपास है. जिसमें इस गांव का एक तोक बंज्वाड़ भी शामिल है. करीब 90 परिवारों वाले इस गांव में 40 से 50 प्रवासियों के लौटने का अनुमान है. अभी तक गांव में 20 से अधिक लोग पहुंच चुके हैं. जिनमें परिवार सहित भी लोग आए हैं.इतने लोगो के आने की सूचना मिलने से गांव वालों के सामने कई निरुत्तरित सवाल खड़े हो गए. ऐसे में बिना विचार कुछ भी हल नहीं निकल सकता था. लिहाजा इस पर प्रधान-उपप्रधान सहित कुछ लोगों ने गहन चर्चा की ! गांव में बड़ी संख्या में खाली घर पड़े हैं. जिनमें प्रवासियों के रहने का इंतजाम किया जा सकता है. लेकिन महामारी की भयानकता को देखते हुए कुछ लोगों ने इस निर्णय पर गम्भीरता से पुनर्विचार करने का सुझाव दिया. जिस पर ग्राम प्रधान और तमाम वार्ड मेम्बर्स और उपप्रधान ने गांव के सभी सुधी जनों और बुजुर्गों से एक-एक कर बातचीत की. जिस पर एक छोटी सी बैठक का आयोजन किया गया. सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए, इस बात पर निर्णय हुआ कि गांव में मौजूद सभी लोग मिल कर एक व्यवस्था बनाएंगे, जिसमें प्रवासियों के रहने की समुचित व्यवस्थाएं की जाएं.

किचन तैयार हो रहा है।
प्रवासियों के लिए अस्थाई किचन बन रहा है।

तब एक मत-एक राय कर गांव के बाहरी हिस्से में टैंट लगाया गया और वहां रहने और कुछ लोगो के लिए भोजन बनाने के लिए किचन तैयार किया गया है. पेय जल के लिए पाइप  लाइन के अलावा  टंकियां भी रखी गई हैं. कुछ लोगों के लिए गांव के स्कूल में भी व्यवस्था की गई है. कोरण्टाइन के सभी नियमों का गम्भीरता से ध्यान रखा जा रहा है. सैनीटाइजेशन करने के भी उपाय किये गए हैं. सबसे जरूरी सामाजिक दूरी का पूरी तरह से पालन किया जाए इसके लिए आने वालों से लगातार आग्रह करने के साथ ही उन्हें प्रशासन की तरफ से दी जा रही हिदायतों से वाकिफ कराया जा रहा है.

टैंट और पानी की व्यवस्था में लगे ग्रामीण
प्रवासियों को पेयजल की दिक्कत न हो इसलिए किये जा रहे हैं उचित प्रवन्ध.

क्या कहा प्रधान ने :
सुकई की प्रधान धनेश्वरी देवी ने बताया कि हमारी कोशिश है कि प्रवासियों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो और गांव में रहने वाले लोगों में भी कोरोना महामारी से किसी तरह का भय न फैले. इसलिए उनके कोरण्टाइन की व्यवस्था गांव से बाहर खेतो में टैंट लगा कर की गई है. प्रधान ने कहा आज सबके लिए एक परीक्षा की घड़ी है और चुनौती भी. हम प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सम्पर्क में बराबर बने हुए है. हर परिस्थिति से निपटने के लिए आपसी सहयोग के लिए पूरा गांव एक है. यह निर्णय भी गांव की आम सहमति से लिया गया है. यह हम सबकी सामुहिक जिम्मेदारी है.

गांव में बिस्तर और टैंट की सुविधा
राशन और सोने-रहने की व्यवस्थाएं की जा रही दुरुस्त.

यह गांव पौड़ी-रामनगर-मुरादाबाद नेशनल हाइवे से लगा हुआ है. स्थानीय बाजार बैजरो है, जहां से जरूरत की हर चीज की खरीददारी की जाती है.गांव में देश के विभिन्न राज्यो से प्रवासी आने वाले हैं. जो सूचना अभी गांव को मिली है उसमें जयपुर, दिल्ली, काशीपुर और अन्य शहरों से लोग आने वाले हैं. कुछ पहुंच चुके हैं कुछ रास्तों में हैं और कुछ लोगो को अभी परिवहन व्यवस्था नहीं मिल पा रही है. वे भी लौटने की तैयारी में हैं. पूरे इलाके में सुकई ग्राम सभा की प्रवासियों के लिए कोरण्टाइन व्यवस्थाओं की चर्चा हो रही है. इस पूरी व्यवस्था को लेकर गांव की उप प्रधान विमला देवी, मदन सिंह, हर्षपाल, सन्तन सिंह रावत, संदीप नेगी आदि शामिल हैं. पूरा गांव एक टीम की तरह वव्यस्थाएँ देख रहा है. कुल मिला कर कहा जा सकता है कि इस गाँव मेंं दो महिला प्रतिनिधि हैैं प्रधान व उपप्रधान दोनों की कैमेस्ट्री कमाल की हैै. अन्य आसपास के गांवों को भी इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए.साथ ही तहसील प्रशासन और विकास खंड स्तर के अधिकारियों को इन्हें सहयोग देना चाहिए, ताकि गांव वालों से कोई चूक न हो जाए.