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स्कूल खोलने को लेकर उत्तराखंड सरकार की यह है तैयारी

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  • शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे बोले तीन चरणों में खुलेंगे स्कूल, सभी जिलाधिकारियों से मांगी रिपोर्ट
  • जिलों से रिपोर्ट मिलने के बाद कैबिनेट में लिया जाएगा फैसला, बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता
  • केंद्र ने  अनलॉक-5 में 15 अक्टूबर से दिए राज्यों को स्कूल खोलने के निर्देश,  

मीडिया लाइव, देहरादून: covid-19  महामारी के बीच सरकारी और प्राईवेट स्कूल खोलने पर सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। केंद्र की गाइडलाइन मिलने के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी स्कूलों को खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने आज इस बारे में अधिकारियों की बैठक ली। इसमें चरणबद्ध तरीकों से स्कूल खोलने पर चर्चा की। इसके लिए सभी जिलों से जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद कैबिनेट में स्कूलों को खोलने को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

राज्य सरकार ने स्कूलों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। गुरुवार दोपहर 12 बजे बैठक शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने उत्तराखंड में स्कूलों को खोलने को लेकर ऐलान करते हुए कहा कि फ़िलहाल उत्तराखंड में तीन चरण में स्कूलों को खोला जाएगा। पहले चरण में कक्षा 09 से 12 तक, दूसरे चरण में कक्षा 06 से 08 तक के बच्चों को और तीसरे चरण में पांचवीं तक के सरकारी और प्राईवेट स्कूलों को खोला जाएगा। अगले एक सप्ताह में सभी ज़िलों के जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जाएगी। यह रिपोर्ट सात दिन के भीतर शासन को सौंपेंगे। मुख्य सचिव की उपस्थिति में करीब एक घण्टे चली बैठक में यह फैसला लिया गया।

 

शिक्षकों की शतप्रतिशत उपस्थिति

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि गांधी जयंती पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सिर्फ शिक्षक शामिल होंगे। स्कूलों में शिक्षकों की शत प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी। इस दौरान छात्रों को शामिल नहीं किया जाएगा।

 

केंद्र ने जारी किए ये दिशा-निर्देश

केंद्र सरकार ने देश में अनलॉक-5 के तहत बुधवार देर शाम केंद्र ने जारी गाइडलाइन में देशभर के स्कूलों को 15 अक्टूबर के बाद खोलने के लिए अनुमति दी गई थी। इसके साथ ही ऑनलाइन,डिस्टेंस लर्निंग के माध्यम से पढ़ाई की जाती रहेगी। गृह मंत्रालय ने साफ कह दिया है कि अगर कोई बच्चा स्कूल जाने की जगह ऑनलाइन माध्यम से ही पढ़ाई करना चाहता है तो उसको परमिशन दी जाएगी। स्कूल में बच्चे तभी जा पाएंगे जब अभिभावकों की लिखित में मंजूरी होगी। इधर, केंद्र सरकार ने स्कूलों के लिए सख्त हिदायत देते हुए स्पष्ट कहा है कि छात्रों की उपस्थिति को लेकर किसी भी तरीके का दबाव ना बनाया जाए।