थलीसैण पुलिस ने वक्त रहते गर्भवती को पहुंचाया अस्पताल
मीडिया लाइव, थलीसैण: वैश्विक महामारी कोविड-19 में जारी लॉकडाउन के बीच आम लोगों के सामने जाने कैसी-कैसी मुसीबतें आ रही हैं. ऐसे में कोरोना वारियर के तौर पर उत्तराखण्ड पुलिस बेहद पब्लिक फ़्रेंडली नजर आ रही है. हर पल पुलिस लोगों के लिए मददगार बन कर सामने खड़ी है.
थलीसैण पुलिस ने एक गर्भवती महिला को जनपद की सीमा से सटे पड़ौसी जिले अल्मोड़ा के देघाट अस्पताल पहुंचाने में मदद की. बीते बुधवार को सबह करीब 7 बजे बुंगीधार गांव की जमुना देवी को प्रसव पीड़ा हुई. गांव के लोगों ने बुंगीधार सेक्टर में तैनात मुख्य आरक्षी आनन्द सिंह व सिपाही संजय कैंतुरा को मामले की जानकारी दी. मौके पर पहुंच कर हालात की गंभीरता को देख कर पुलिस कर्मियों ने देर करना उचित नहीं समझा और तत्काल थानाध्यक्ष थलीसैण सन्तोष पैंथवाल को पूरे मामले से वाकिफ कराया.
गौरतलब ये है कि बुंगीधार कस्बा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद थलीसैण से करीब 50 किमी दूर है. ऐसे में समय की कमी गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु के जीवन के लिए खतरा साबित हो सकती थी. ऐसे में पुलिस ने महिला को 20 किमी दूर देघाट ,अल्मोडा अस्पताल में ले जाना उचित समझा. महिला की बढ़ती प्रसव पीड़ा को देखते हुए, जल्द चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना बेहद जरूरी था। समस्या ये कि लॉकडाउन होने के कारण मौके पर कोई वाहन नही मिल पाया जिसे लेकर परिजन अस्पताल जाएं. तब तेज प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला को पुलिस कर्मियों की सूझ-बूझ और थानाध्यक्ष के निर्देश पर अपने निजी वाहन से ही अल्मोड़ा के देघाट अस्पताल ले जाया गया. जहां सकुशल अस्पताल पहुंच कर जमुना देवी ने एक स्वथ्य बच्चे को जन्म दिया, और ऐसे में जच्चा-बच्चा की जान बच गई. जरूरी नहीं कि मौके की इस नजाकत को हर कोई समझे लेकिन आज जमुना देवी का परिवार और स्थानीय वाशिंदे थलीसैण थाना पुलिस की इस पब्लिक फ़्रेंडली मदद और व्यवहार को देख कर हथप्रभ हैं. जाहिर सी बात है, ये पुलिस का ऐसा चेहरा है, जो ब्रिटिश जमाने की गठित पुलिस प्रणाली की इमेज से एक दम उलट है. पुलिस के इस शानदार रवैये को देख कर कह सकते हैं कि आफत की घड़ी में एक बार फिर मित्र पुलिस की सोच को सही मायनों में थलीसैण थाना पुलिस ने एक दम सही साबित करने का काम किया है।