तबलिगी जमात बनी मौत की जमात, 10 लोगों की मौत

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मीडिया लाइव  इस्‍लाम के प्रसार को बनी तबलिगी जमात कोरोना संक्रमण की जमात बन गई है। दिल्‍ली के निजामुद्दीन में मरकजी जमात में जुटे लोग देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि उत्‍तराखंड से भी अच्‍छी खासी तादाद में लोग इस जमात में पहुंचे थे। मामला सामने आने के बाद देश में हड़कंप मचा हुआ है। यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने मंगलवार के अपने कार्यक्रम अचानक रद्द कर दिए। उन्‍होंने आला अधिकारियों के साथ तबलीगी जमात को लेकर बैठक शुरू कर दी है। वहीं मंगलवार को दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी इसी मुद्दे पर हाई लेवल बैठक की। गौरतलब है कि जमात से देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में पहुंचे 10 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। जबकि कई लोग संक्रमित पाए गए हैं। जमात में जुटे सभी लोगों की ट्रैवल हिस्‍ट्री खंगाली जा रही है। जो आसान काम नहीं है। दिल्‍ली पुलिस भी जमात के इस कार्यक्रम को लेकर सवालों के घेरे में है। फिलहाल सरकार के सूत्रों से खबर है कि तबलीगी जमात मामले में वीजा नियमों का भी उल्‍लंघन हुआ है। इस जमात में टूरिस्‍ट वीजा पर आए 281 विदेशियों ने हिस्‍सा लिया था। सरकार ने इन सभी का वीजा रद्द कर उन्‍हें ब्‍लैक लिस्‍ट कर दिया है। इसी जमात के नौ लोग अंडमान निकोबार भी पहुंचे हैं। लॉकडाउन के बावजूद निजामुद्दीन की मरकजी जमात में 22 मार्च तक कई लोग मौजूद थे। आशंका है कि पूरे देश में इस जमात से लोगों पहुंचने के कारण कोराना का सामुदायिक प्रसार बढ़ेगा जो विस्‍फोटक स्थिति में त्‍ब्‍दील हो सकता है।

क्‍या है तबलिगी जमात

करीब 93 साल पहले देवबंद में इसकी स्‍थापना हुई थी। जमात का उद़्देश्‍य परंपरागत इस्‍लाम का प्रचार प्रसार करना है। तबलीगी का अर्थ है अल्‍लाह की बातों का प्रचार करने वाला। वहीं जमात का अर्थ है समूह, यानी अल्‍लाह की बातों का प्रसार करने वाले लोगों का समूह। बताया जाता है कि पूरी दुनिया में इस जमात के 15 करोड़ से ज्‍यादा सदस्‍य हैं। इसी शुरुआत मुहम्मद इलियास अल-कांधलवी ने की थी।