जिला योजना का बजट समय और पारदर्शिता के साथ खर्च करें : DM

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मीडिया लाइव : सभी विभाग विकास कार्यो को गुणवत्ता के साथ पूरा करते हुए जिला योजना के अन्तर्गत अवमुक्त धनराशि को शतप्रतिश व्यय करना सुनिश्चित करें तथा अगले वित्तीय वर्ष की जिला योजना के लिए औचित्य के साथ नई विकास योजनाओं के प्रस्ताव दें। यह निर्देश जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने शुक्रवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना की समीक्षा करते हुए सभी अधिकारियों को दिये।

DM ने सभी विभागों को विकास कार्यो को शीघ्र पूरा करते हुए जिला योजना में अवमुक्त धनराशि को 20 मार्च तक शतप्रतिशत व्यय करने के निर्देश दिये। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि जिला योजना के तहत पूर्व में प्रस्तावित विकास कार्यो पर खर्च न करने पर संबधित विभागीय अधिकारी की घोर लापरवाही मानते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि दी जायेगी। जिला योजना के कार्यो में लोक निर्माण विभाग, राजकीय सिंचाई, जल संस्थान एवं वन विभाग ने फरवरी तक केवल 55 प्रतिशत ही व्यय किये जाने पर डीएम ने संबधित अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। लोनिवि की जिला योजना में सबसे खराब स्थित को देखते हुए तथा लोनिवि के अधीक्षण अभियंता के जिला योजना की समीक्षा में उपस्थित न रहने पर डीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए उनके खिलाफ नोटिस जारी करने को कहा। उन्होंने सभी अधिकारियों को विकास कार्यो को धरातल पर शीघ्र पूरा करते हुए उनकी यूसी, एमबी व फोटो भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

जिलाधिकारी ने कहा कि इस जिला योजना में जिन विभागों की खराब प्रगति रही है, अगली जिला योजना में उन सभी विभागों का परिव्यय भी कम किया जायेगा। जिलाधिकारी ने सभी विभागों को जनप्रतिनिधियों एवं जनता से प्राप्त शिकायतों के आधार पर नई विकास योजनाओं के प्रस्ताव तैयार करते हुए उनका भौतिक सत्यापन करने तथा औचित्य एवं आंगणन रिपोर्ट के साथ नई जिला योजना में अनुमोदन हेतु प्रस्तावित करने के निर्देश भी दिये। कृषि, उद्यान, पशुपालन, दुग्ध, मत्स्य, रेशम आदि सभी रेखीय विभागों को ज्यादा से ज्यादा किसानों को लाभ देने वाली विकास योजनाओं के प्रस्तावों को आगामी जिला योजना में शामिल करने को कहा। डीएम ने कहा कि अच्छी विकास योजनाओं के लिए जिला योजना से धन की कोई कमी नही की जायेगी। पर्यटन विभाग को बेनीताल, टिमरसैंण, अनसूया मंदिर, पंचबद्री धामों के विकास के लिए अच्छे प्रस्ताव तैयार करने को कहा। शिक्षा विभाग को गुणवत्तापरक शिक्षा, स्कूलों के सौन्दर्यीकरण, विद्युत कनेक्टिविटी आदि इनोवेटिव प्रस्ताव जिला योजना में अनुमोदन हेतु रखने के निर्देश दिये। विद्युत विहीन गांवों में विद्युतीकरण के विद्युत व उरेडा को आपसी समन्वय बनाकर प्रस्ताव तैयार करने को कहा।

बीससूत्री कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने टास्क फोर्स के सभी अधिकारियों को यूनिटों के सत्यापन के लिए निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूरा करते हुए हर हाल में जिले को ‘ए’ श्रेणी में लाने के निर्देश दिये। उन्होंने न्याय पंचायत के नोडल अधिकारियों को न्याय पंचायतों में संचालित आंगनबाडी केन्द्रों में निर्धारित मेनू के अनुसार टीएचआर वितरण की स्थिति व पंजीकृत बच्चों के भरण पोषण की स्थिति का निरीक्षण भी करने के निर्देश दिये।

अर्थ एवं संख्या अधिकारी आनंद सिंह जंगपांगी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए जिला योजना के अन्तर्गत अनुमोदित 4085.00 लाख धनराशि के सापेक्ष 4084.00 लाख की धनराशि विभागों को अवमुक्त की गई है, जिसमें से 63.56 प्रतिशत धनराशि विभागों ने व्यय की है। जिला योजना के अन्तर्गत लोनिवि ने अवमुक्त धनराशि 822.88 लाख के सापेक्ष 385.05 लाख, पेयजल निगम ने 340.86 के सापेक्ष 217.31 लाख, पेयजल संस्थान ने 293.68 के सापेक्ष 150.49, वन विभाग ने 101.11 के सापेक्ष 56.35 लाख, लघु सिचाई ने 117.91 के सापेक्ष 74.56 लाख, राजकीय सिंचाई ने 371.52 के सापेक्ष 177.75 लाख धनराशि अभी तक व्यय की है, जबकि होम्योपैथिक, प्राविधिक शिक्षा तथा पर्यटन विभागों ने जिला योजना के तहत शतप्रतिशत व्यय किया गया है।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हसांदत्त पांडे, डीएफओ अमित कंवर, पीडी प्रकाश रावत, डीडीओ एसके राॅय सहित लोनिवि, कृषि, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य, रेशम, जल निगम, जल संस्थान आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।