सलमान की जमानत अर्जी पर अब कल सुनवाई, सजा सस्पेंड नहीं हुई तो हाईकोर्ट जाना होगा
जोधपुर. बीस साल पुराने काला हिरण शिकार मामले में सलमान की जमानत याचिका पर जोधपुर की सेशन कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। जज रवींद्र कुमार जैन ने कहा कि रिकॉर्ड देखने के बाद ही इस मामले में कल सुनवाई होगी। इससे पहले सलमान के वकीलों ने 51 पेज की जमानत अर्जी दाखिल की। इसमें 54 बिन्दुओं को आधार बनाया। सीजेएम कोर्ट ने सलमान को गुरुवार को दोषी करार दिया गया था। कोर्ट ने सलमान को 5 साल कैद की सजा सुनाई और 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। तीन साल से ज्यादा सजा होने के चलते सलमान को ट्रायल कोर्ट से बेल नहीं मिली। उनके वकीलों ने सेशन कोर्ट में जमानत अर्जी दायर की है, लेकिन जज ने हाथों हाथ सुनने से मना कर दिया था।
सलमान खान को सजा मिलने से राजस्थान में विश्नोई समाज के लोग बेहद खुश हैं. सलमान खान के काला हिरण मामले में विश्नोई समाज भी पार्टी है. विश्नोई समाज ने सलमान की सजा का जश्न पटाखे फोड़ कर मनाया.
बिश्नोई समाज प्रकृति के जर्रे जर्रे को अपना भगवान मानता है. ये लोग राजस्थान की मरुभूमि वाले इलाके में बसते हैं. पाकिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में इस समाज के लोग पाये जाते हैं. सफेद कपड़े और सफेद पगड़ी इस समाज के लोगों की शान है.
बिश्नोई समाज के लोग जिन गांवों में रहते हैं वहां साफ सफाई, वन्य जीव और हरे भरे पेड़ पौधे जरूर मिलेंगे. इस इलाके में वन्य जीवों के संरक्षण का काम मानो इन्हीं की जिम्मेदारी है. गुरु जम्भेश्वर महाराज के बताये 29 नियमों का पालन करने वाले विश्नोई कहे जाते हैं. इस समाज के लोग शाकाहारी होते हैं. कहा जाता है कि 1787 में पेड़ और जानवरों की रक्षा करते हुए समाज के 363 लोग मारे गये थे. बिश्नोई समाज की महिलाएं हिरण को अपना दूध भी पिलाती हैं. यानी हिरण को बिश्नोई महिलाएं बच्चे की तरह मानती हैं. यही वजह है कि सलमान खान को इतनी कठोर सजा मिली है. बिश्नोई समाज की आबादी राजस्थान में करीब दो फीसदी हैं यानी राजस्थान में इनकी संख्या 13 लाख के आसपास है. जोधपुर, बीकानेर, गंगानगर इलाके में सबसे ज्यादा आबादी है. हरियाणा, एमपी और यूपी में भी इस समाज के लोग हैं.