क्वारंटीन सेंटर में भालू की चहलकदमी
मीडियालाइव : राज्य के दूरस्थ गांवों में क्वारंटीन सेंटरों पर जंगली जानवरों का भी खतरा मंडरा रहा है। पौड़ी जिले के थापला गांव में ऐसा ही एक वाकया सामना आया है। जहां गांव के प्राईमरी स्कूल में क्वारंटीन सेंटर में जंगली भालू की चहलकदमी से लोग सकते में आ गए। गांव से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित स्कूल में दिल्ली से हाल ही में लौटे सज्जन सिंह असवाल को उनकी पत्नी व बच्चे के साथ क्वारंटीन किया गया था। सज्जन सिंह दिल्ली में एक प्रिंटिंग प्रेस में नौकरी करते थे। लेकिन लॉकडाउन में काम ठप्प होने के कारण उन्होंने घर वापस लौटने का फैसला किया। नियमानुसार पास हासिल कर वे प्राईवेट वाहन से वे गांव लौटे। इस पूरी कवायद में उनका दस हजार रुपए से ज्यादा खर्च हुए। 16 मई की शाम सज्जन सिंह के पिता शिवनारायण सिंह स्कूल में उन्हें भोजन पहुंचाने जा रहे थे। जैसे ही वे स्कूल गेट पर पहुंचे अचानक उन्हें करीब दस मीटर की दूरी पर एक जंगली भालू नजर आया। शिवनारायण सिंह बताते हैं कि भालू को देखते हुए वे घबराकर संतुलन खो कर वहीं गिर पड़े। उन्हें लगा कि मौत करीब आ गई है। लेकिन उन्होंने किसी तरह साहस बटोरा और स्कूल कैंपस के अंदर गए। सौभाग्य से भालू की नजर उन पर नहीं पड़ी और ढलान की ओर होने के कारण वो गिरने की आवाज भी नहीं सुन सका। शिवनारायण सिंह ने इस बात की सूचना ग्राम प्रधान को दी। वो पूरी रात उनके परिवार ने स्कूल में खौफ में गुजारी। ग्राम प्रधान राकेश कुमार ने बताया कि इस घटना के बाद इस परिवार को होम क्वारंटीन किया गया है। इसके साथ ही दिल्ली से पहुंचे तीन परिवारों को भी जंगली जानवरों के भय को देखते हुए होम क्वारंटीन में ही रखा गया है।