MEDIA LIVE : पुष्कर धामी: ताजपोशी हुई नहीं, कांटो की चुभन शुरू, उत्तराखंड में सियासत का तापमान लगातार बढ़ रहा है
मीडिया लाइव, पॉलिटिकल डेस्क: उत्तराखंड में नए मनोनीत मुख्यमंत्री के सिर पर ताज अभी सजा भी नहीं और कांटो की चुभन शुरू हो गई है। इसमें कोई दो राय नहीं कि यह होना संभावित ही था। जिस तरह के सियासी हालात भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों ने उत्तराखंड में पैदा किए हैं, वे पार्टी के बड़े-बड़े दिग्गजों को तो क्या जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं और उत्तराखंड के लोगों के गले नहीं उतर रहे हैं।
बता दें कि 9 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आए 13 जिलों के इस छोटे से प्रदेश को अब तक यहां की सत्ता में काबिज रही भाजपा और कांग्रेस ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते जैसा चाहा वैसा कुचलने का प्रयास किया। ऐसे अस्थिरता के माहौल में, राज्य बनाने का मकसद कहीं नदारद हो गया। सियासी दल और सियासी लोग राज्य से बड़े होते चले गए।
करीब सवा 4 साल पहले बीजेपी की 57 सीटों वाली प्रचंड बहुमत की सरकार उत्तराखंड में सत्ता पर काबिज हुई। इस सरकार में विधायक दल के नेता के तौर पर मुख्यमंत्री की ताजपोशी त्रिवेंद्र सिंह रावत के रूप में सामने आई। त्रिवेंद्र सरकार अपनी 4 साल की सफलताओं और योजनाओं को लेकर जनता के बीच जाने वाली थी। लेकिन ऐन मौके पर उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया। बारी आई तीरथ सिंह रावत की जिन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। उन्होंने करीब 4 महीने सीएम की कुर्सी संभाली, लेकिन उन्हें भी इस पद से रुखसत होना पड़ा। बीती शनिवार की शाम तमाम सियासी ड्रामों के बाद भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता के रूप में खटीमा से दूसरी बार के विधायक पुष्कर सिंह धामी का नाम सामने आया। अभी उनकी शपथ भी नहीं हुई और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं विधायकों में पुष्कर सिंह धामी के नाम से असंतोष सामने आने लगा है। पार्टी के दिल्ली में बैठे हुए बड़े पदाधिकारियों से लेकर राज्य के कई वरिष्ठ नेताओं को इस असंतोष को खत्म करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके चलते उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी देहरादून में राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से लेकर धन सिंह रावत व सांसद अजय भट्ट और प्रदेश भाजपा के कई प्रभारी और बड़े पदाधिकारी असंतुष्ट नेताओं को मनाने में जुटे हुए हैं। ऐसी हालात में मीडिया के कई प्लेटफार्म पर तमाम तरह की सियासी अटकलें लगाई जा रही हैं। जिसकी चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है। इन बदले हालात में उत्तराखंड का आम जनमानस खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है।
आज उत्तराखंड की सियासत को लेकर क्या क्या माहौल है इसे भी विस्तार से जान लीजिए:
उत्तराखंड से आज की सबसे बड़ी खबर सतपाल महाराज हरक सिंह रावत के बाद सीनियर मंत्री और विधायक विशन सिंह चुफाल भी नाराज है , मंत्री चुफाल ने फोन कर प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से जताई अपनी नाराजगी सूत्रों के हवाले से खबर मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि पार्टी ने पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाने से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से करनी चाहिए थी रायशुमारी उनके अनुसार इस फैसले को लेकर पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं से नहीं कि कोई वार्ता साफ है विशन सिंह चुफाल पांच बार के विधायक हैं और पार्टी के कई वरिष्ठ पदों पर रह चुके हैं साथ ही सरकार में मंत्री भी रहे हैं ऐसे में उनसे जूनियर विधायक को सीएम बनाया जाने से नाराजगी फूट रही है हालांकि विशन सिंह चुफाल के अलावा हरक सिंह रावत सतपाल महाराज समेत बड़ी संख्या में बीजेपी के विधायकों को इस फैसले को पचाने में परेशानी हो रही है लेकिन इन तमाम लोगों की नाराजगी के बावजूद पार्टी अपना फैसला शायद ही बदलेगी।
देहरादून: राज्य में चल रहे राजनीतिक उठा पटक के बीच आज नाराज विधायक राज्यमंत्री धन सिंह रावत के निवास पर मौजूद है बताया जा रहा है कि लगातार पार्टी नेताओं के बीच चल रही नाराजगी को देखते हुए अब मान मनोबल का भी दौर शुरू हो गया है पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनाये जाने की घोषणा के बाद से ही भाजपा में असंतोष दिखाई दे रहा है जिसका सीधा असर भाजपा में दिखाई भी देने लगा है।।धनसिंह रावत के आवास पर मंत्री विधायको के आने का सिलसिला बना हुआ है। धन सिंह रावत के आवास पर इस वक्त यशपाल आर्य,विशन सिंह चुफाल,यतीश्वरानंद, देशराज कर्णवाल , महेंद्र मौजूद है।
देहरादून– राज्य सरकार में मंत्री बिशन सिंह चुफाल को मनाने सांसद अजय भट्ट उनके आवास पहुंचे।मंत्री चुफाल पार्टी के कल सीएम पद पर लिए गए फैसले से नाराज बताये जा रहे है। अजय भट्ट के पहुंचने से ठीक पहले मंत्री चुफाल के फोन पर प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार का फोन भी आया था।अभी तक बन्द कमरे में अजय भट्ट व बिशन सिंह चुफाल की वार्ता वही मंत्री विशन सिंह चुफाल ने कहा की मैं नाराज नहीं हूँ लेकिन उन्होंने पुष्टि करते हुए कहा की हरक सिंह रावत और सतपाल महाराज नाराज है उनके अनुसार मुझे फोन आएगा तो मैं शपथ लेने जाऊंगा लेकिन दोनों मंत्रियों को मैंने कहा है कि बीजेपी अध्यक्ष के साथ बैठें और अपनी बात रखे नाराजगी से कोई काम नहीं चलेगा ।