MEDIA LIVE : पहाड़ों में क्यों घटा मतदान प्रतिशत ?
मीडिया लाइव : उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के लिए मतदान पूरा होने के बाद अब मतदान प्रतिशत को लेकर एक नई बहस छिड़ी है। सवाल तैर रहे हैं कि आखिर तमाम कोशिशों के बावजूद राज्य में मतदान प्रतिशत क्यों नहीं बढ़ पाया। पहाड़ में मतदान क्यों हांफने लगा?
इन सवालों की पड़ताल की। पड़ताल के दौरान राजनीतिक मामलों के जानकारों और राजनीतिज्ञों ने कहा कि हुक्मरानों और नीति नियंताओं को स्थिर मतदान से सबक लेना चाहिए क्योंकि इसने पहाड़ से हो रहे पलायन की चिंता को एक बार फिर सामने रखा है। उन्हें पलायन की समस्या के समाधान के लिए नये ढंग से सोचना होगा।
चौबट्टाखाल का असर
पिछले चुनाव की तरह इस बार भी पहाड़ में सल्ट, चौबट्टाखाल और लैंसडौन में सबसे कम मतदान हुआ। ये तीनों इलाके पलायन के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। चिंता की बात यह है कि राज्य के पॉश और शहरी विधानसभा क्षेत्र भी अब चौबट्टाखाल की राह पर हैं। देहरादून शहर की धर्मपुर, राजपुर रोड, हरिद्वार शहर और रुड़की विधानसभा सीटों पर कम मतदान इसका उदाहरण है।
विस चुनाव | वोट प्रतिशत |
2002 | 54.34 |
2007 | 59.50 |
2012 | 66.85 |
2017 | 65.56 |
2022 | 65.37 |
किस जिले में कितना मतदान
पर्वतीय जिले | 2017 | 2022 |
उत्तरकाशी | 69.38 | 68.48 |
रुद्रप्रयाग | 62.31 | 63.16 |
चंपावत | 61.43 | 62.66 |
बागेश्वर | 61.11 | 63.00 |
पिथौरागढ़ | 60.18 | 60.88 |
चमोली | 59.12 | 62.38 |
टिहरी | 55.68 | 56.34 |
पौड़ी | 54.86 | 54.87 |
अल्मोड़ा | 53.07 | 53.71 |
मैदानी जिले | 2017 | 2022 |
देहरादून | 63.53 | 63.69 |
हरिद्वार | 75.68 | 74.77 |
ऊधमसिंह नगर | 76.01 | 72.27 |
नैनीताल | 66.88 | 66.35 |