अब मोथूगाड़ नदी को बचाने की मुहिम होगी तेज
मीडिया लाइव, चमोली: गैरसैण ब्लॉक की मोथूगाढ़ नदी के अस्तित्व को बचाने और इसे एक बार फिर सदानीरा बनाने के लिए मुहिम शुरू कर दी गई है। सोमवार को मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने मोथूगाढ़ नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए सभी रेखीय विभागों के अधिकारियों की बैठक लेते हुए ठोस कार्ययोजना तैयार करते हुए एक अभियान के तहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। बैठक में स्थानीय लोगों के सहयोग से भी इस नदी को पुनर्जनन करने हेतु मिशन के रूप में कार्य करने पर जोर दिया गया।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा उत्तराखंड पर्वतीय राज्य है और यहाॅ की नदियां जीवनदायिनी मानी जाती है परंतु बदलते परिवेश में अधिकाशं नदियों का पानी का स्तर दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है जो चिंतनीय है। उन्होंने सभी रेखीय विभागों के अधिकारियों को गैरसैंण ब्लाक में मोथूगाड़ नदी को पुनर्जीवित करने के लिए टैंक, गोल्स, तालाब, चालखाल के साथ-साथ वृहत स्तर पर पौधरोपण के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि झील व जलाशय बनने से भूमिगत जल भंडार में वृद्वि हो सके। वन, कृषि, उद्यान व सिंचाई विभाग के अधिकारियों को मनरेगा से कन्वर्जेन्स करते हुए मोथूगाड़ नदी के पुनर्जनन की कार्ययोजना तैयार करने को कहा। साथ ही जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय लोगों को प्रोत्साहित करने व उनके सहयोग से भी कार्य करने को कहा। वन विभाग को क्षेत्र में गठित स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर चारापत्ती वाले पौधों की नर्सरी तैयार कराने एवं सभी रेखीय विभागों को भी पौधरोपण के लिए पौध उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने कैम्पा योजना एवं मनरेगा के साथ कन्र्वजेन्स करते हुए लेबर कम्पोनेंट की व्यवस्था बनाते हुए पूरे क्षेत्र को रिचार्ज करने के लिए माइक्रो प्लान तैयार करने पर जोर दिया। कृषि, उद्यान, पशुपालन, सिंचाई आदि विभागों को भी अनारक्षित क्षेत्रों में पौधरोपण व चालखाल हेतु विभागीय कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगली बैठक में वे स्वयं अब तक किए गए कार्यो एवं विभागीय कार्ययोजना की समीक्षा करेंगे। उन्होंने बताया कि नदी के पुनर्जनन के लिए किए जारी कार्यो की जीपीएस से माॅनिटरिंग भी कराई जाएगी।
मोथूगाढ नदी परियोजना के अन्तर्गत चैराखाल, दूधातोली, कुडियाबगड तथा मूसा का कोठा आरक्षित रिचार्ज जोन है। जबकि गैरसैंण, देवधार, देवालीखाल, घडियालखाल, हिमवालघाट, परवारी, नन्दादेवी एवं सिलकोट अनारक्षित रिचार्ज जोन है। इन सभी क्षेत्रों को रिचार्ज करने के लिए विभागीय स्तर पर मुहिम शुरू की जा रही है।
बैठक में सीएचओ नरेन्द्र यादव, सीएओ राम कुमार दोहरे, सीवीओ डा. शरद भंडारी, वन विभाग के एसडीओ शिवलाल, अमरेश कुमार, धीरेश चन्द्र बिष्ट, परमेन्द्र सिंह नेगी, आपदा प्रबन्धन अधिकारी एनके जोशी, डीएसटीओ आनंद सिंह जंगपांगी सहित सभी संबधित अधिकारी मौजूद थे।