MEDIA LIVE : रूस-यूक्रेन युद्ध : हमें जल्दी निकाल लीजिए, नहीं तो मारे जाएंगे, पीने को पानी भी नहीं बचा
रूस-यूक्रेन में युद्ध के कारण यूक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे हजारों भारतीय छात्र इंडियन गवर्नमेंट से अपने जान कि गुहार लगा रहे हैं। ऐसे ही यूक्रेन के एक शहर से एक भारतीय छात्र ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि हमारे पास पीने के लिए पानी नहीं है। हमने कल से पानी नहीं पिया है। प्लीज हमारी मदद कीजि। उसने यह गुहार देश के पीएम नरेंद्र मोदी से लगाई है।
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पढ़िए क्या कह रहे हैं यूक्रेन में फंसे छात्र
‘मोदी जी.. प्लीज हमें बचाइए, नहीं तो हम मारे जाएंगे’, सूमी में फंसे 900 छात्र
छात्र बोले- बाहर है स्नाइपर्स का पहरा, हर घंटे हो रहे हैं हवाई हमले, खाना-पानी खत्म
कीव : यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों में फंसे भारतीय छात्र सरकार से मदद की आस लगा कर बैठे हैं। सूमी के हॉस्टलों में फंसे छात्र-छात्राओं ने भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की याचना की है। कहा है कि अगर उन्हें जल्द यहाँ से नहीं ले जाया गया तो वे वे मारे जाएंगे। भारत सरकार छात्रों को बचने को ‘ऑपरेशन गंगा’ के नाम से निकासी अभियान चला रही है। छात्रों से यूक्रेन के पश्चिमी बॉर्डर पर पहुंचने के लिए कहा गया है ताकि रोमनिया, पोलैंड और हंगरी से उन्हें निकाला जा सके। कीव से छात्रों के लिए पश्चिमी सीमाओं तक पहुंचना आसान है लेकिन रूसी बॉर्डर से निकट खारकीव और सूमी जैसे शहरों में फंसे छात्रों को निकलने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
सूमी में फंसे छात्रों ने लगाई गुहार
सूमी में फंसे छात्रों ने वीडियो बनाकर भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। छात्र ने कहा कि हम सूमी में फंसे हुए हैं, जो रूसी बॉर्डर से 40-50 किमी दूर स्थित है। बाहर हर तरफ स्नाइपर लगे हुए हैं। हर एक घंटे में यहां हवाई हमले हो रहे हैं। बाहर माइनस तापमान है, हम यहां से कैसे निकले? कुल मिलाकर यहां 800-900 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। हम भारत सरकार से गुहार लगा रहे हैं, हम नरेंद्र मोदी से गुहार लगा रहे हैं, हमें यहां से निकाला जाए, नहीं तो हम यहां मर जाएंगे। प्लीज हमें रेस्क्यू कीजिए, हमारे पास खाने-पीने के लिए कुछ नहीं है, प्लीज हमारी मदद कीजिए।
इससे पहले हम मारे जाएं, हमें निकाल लीजिए
उत्तरपूर्वी शहर सूमी में फंसे कुछ भारतीय छात्रों ने मदद के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। तेजी से खत्म होते भोजन और पानी को देखते हुए यह छात्र हर घंटे अपने बारे में जानकारी दे रहे हैं और सहायता के लिए सरकार से गुहार लगाते हुए कह रहे हैं कि इससे पहले कि स्थिति बदतर हो जाए और वे ‘शव में बदल जाएं’, सरकार को उन्हें बचाना चाहिए। उन छात्रों में से एक महक शेख ने गुरुवार को आठ सेकंड का एक वीडियो डाला और शहर में एक धमाके जैसी घटना के बारे में बताया।
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सूमी में फंसे 900 भारतीय छात्र
शेख ने एक पोस्ट में लिखा, ‘पूरे शहर में अंधेरा है, बिजली पानी कुछ नहीं है और पास में कई धमाके हो रहे हैं। नेटवर्क भी धीमा है।’ एक अन्य छात्रा राधिका सांगवान ने कहा कि सूमी में 700-800 छात्र फंसे हैं और उन्हें निकाले जाने का कोई पुष्ट समाचार नहीं है। सांगवान ने गुरुवार को ट्वीट किया, ‘मैं यूक्रेन के सूमी में एक छात्र हूं। सूमी में 700 से 800 छात्र हैं। हमले का यह सातवां दिन है और हमें निकालने के प्रयास की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। तनाव, भय और परेशानी ने हमें घेरा हुआ है। कृपया मदद करें।’
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यूकेन में भारत के दूतावास ने कहा था कि खारकीव, सूमी और कीव में भीषण लड़ाई चल रही है। दूतावास ने इन शहरों में भारतीयों से आग्रह किया था कि जब तक कर्फ्यू नहीं हट जाता तब तक उन्हें रेलवे स्टेशन की ओर नहीं जाना चाहिए। कई खबरों के अनुसार, सुमि में ट्रेन और बसें रुक गई हैं, सड़कें और पुल नष्ट हो गए हैं तथा सड़कों पर लड़ाई हो रही है। एक छात्र ने सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो में कहा, ‘बिजली नहीं है। पानी नहीं है। एक बड़ा धमाका हुआ इसलिए हम बंकरों में चले आए। कृपया हमें निकालिए।’ शेख की ओर से गुरुवार को साझा किए गए एक अन्य वीडियो में कई सशस्त्र लोगों को उनके हॉस्टल के बाहर घूमते देखा जा सकता है।
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