MEDIA LIVE : मंत्री रेखा आर्य और सचिव सचिन कुर्वे में नूरा कुश्ती
देहरादून: उत्तराखंड सरकार में एकमात्र महिला मंत्री रेखा आर्य और अधिकारियों की अनबन का सिलसिला लगातार जारी है।पिछली धामी सरकार से लेकर अबतक, बीते 3 सालों में कई बार उनके विभागों में तैनात सचिवों के साथ उनकी तनातनी की खबरें बाहर आती रही हैं।खबरें ही नहीं बल्कि खुद रेखा आर्य भी अधिकारियों के खिलाफ लगातार बयानबाजी करती दिखी हैं. ऐसा ही एक मामला फिर से सामने आया है, जिसमें वो फिर से अपने ही विभाग में हुए ट्रांसफर को लेकर चर्चाओं में हैं। हालांकि, मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि इस मामले में सचिव ने उनके निर्देश की अनदेखी की है, जिससे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अवगत करा दिया गया है उनके सामने पूरी स्थिति रखी गई है।
दरअसल, खाद्यान्न विभाग के सचिव सचिन कुर्वे ने मंत्री रेखा आर्य के उन पत्रों को सिरे से नकार दिया है जिसमें उन्होंने उनसे पूछे बिना जिला पूर्ति अधिकारी (DSO) के ट्रांसफर की बात कही थी।विभागीय सचिव सचिन कुर्वे के पत्र जारी कर बताया है कि खाद्य विभाग में हुए ये सभी ट्रांसफर पूरी तरह से नियमानुसार हैं। सचिव सचिन कुर्वे ने साफ कर दिया है कि वभाग में ट्रांसफर न्यायसंगत हैं जो होकर ही रहेंगे, ये किसी भी कीमत पर निरस्त नहीं होंगे। यही नहीं, उन्होंने अपने पत्र में जिक्र किया है कि विभाग में जो ट्रांसफर हुए हैं उनके लिए ना तो विभागीय मंत्री से अनुमति लेने की जरूरत है और ना ही विभागीय सचिव से।
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खाद्य सचिव कुर्वे ने पत्र में कहा कि स्थानांतरण एक्ट में जब तबादले होते हैं तो किसी मंत्री की इजाजत नहीं ली जाती। एक निर्धारित समय तक ही किसी अधिकारी को एक जगह पर तैनात किया जाता है। लिहाजा उन्होंने ट्रांसफर एक्ट का पालन करते हुए ही सभी अधिकारियों के तबादले किए हैं। ऐसे में उनके द्वारा एक बार तबादले की लिस्ट जारी होने पर किसी कीमत पर भी उस लिस्ट को निरस्त नहीं किया जाएगा। सचिन कुर्वे ने अपने पत्र में कहा है कि अगर ऐसा होता है तो विभाग में विवाद और आज अराजकता का माहौल फैल जाएगा।
नाराजकुर्वे ने कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य को लिखे पत्र में अधिनियम 2017 का हवाला देते हुए कहा है कि, विभाग में समूह ख वर्ग के अधिकारी, जो कि जिला पूर्ति अधिकारी और क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी होते हैं, उनके स्थानांतरण से पहले विभागीय सचिव और विभागीय मंत्री से अनुमोदन लेने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि इन ट्रांसफर के लिए स्थायी स्थानांतरण समिति का अनुमोदन जरूरी है, जो कि विभाग में पहले से ही गठित है और इसी समिति के अनुमोदन पर यह ट्रांसफर किए गये हैं। सचिव सचिन कुर्वे ने कहा साल 2018 और 19 में भी यही प्रक्रिया अपनाई गई थी। उस वक्त भी मंत्री के अनुमोदन के बिना ही ट्रांसफर लिस्ट जारी की गई थी।
रेखा आर्य बोली एक्ट के तहत नहीं हुआ तबादला: उधर, सचिव के पत्र की मंत्री रेखा आर्य को जानकारी हुई तुरंत उनका बयान भी आ गया। मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि, सचिव का यह सब कहना बिल्कुल सही नहीं है। शायद सचिव को एक्ट की जानकारी नहीं है। मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि, हो सकता है कि निजी स्वार्थों की वजह से ऐसा कुछ किया गया हो, लिहाजा उन्होंने सचिव कार्मिक को पत्र लिखकर सचिन कुर्वे की गोपनीय प्रविष्टि से संबंधित मूल पत्रावली मांगी है। मंत्री ने कहा 6 जिला पूर्ति अधिकारियों के तबादला आदेश करना किसी भी तरह से न्यायसंगत नहीं है, जबकि इस मामले में मंत्री से पूछा ही नहीं गया है। उन्होंने कहा जिस तरह से विभाग में ट्रांसफर किये गये वो पूरी तरह से एक्ट का उल्लंघन है।
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आदेशमंत्री ने कहा कि 20 जून को खाद्य आयुक्त ने उनकी इजाजत के बिना नैनीताल के जिला पूर्ति अधिकारी को अनिवार्य छुट्टी पर भेजा। इस पर उन्होंने इस आदेश को रद्द करने और इस पर उनका अनुमोदन कराने के लिए उनसे जवाब-तलब किया था। खाद्य आयुक्त व विभागीय सचिव ने उनके निर्देश को मानने के बजाए उसी दिन छह जिला पूर्ति अधिकारियों के तबादले कर दिए, वो भी उनके अनुमोदन के बिना किए गये। तबादले इतनी जल्दबाजी में किए गए हैं कि इससे संबंधित बैठक के मिनिट्स में 22 जून 2022 की तारीख के बजाय 22 जून 2019 डेट लिखी गई है। संबंधित अधिकारियों ने भी बिना देखे इस पर साइन कर दिए।
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