MEDIA LIVE : धार्मिक एकता की मिसाल: हसीब कुरैशी ने हिंदू रीति-रिवाज से किया ओमप्रकाश का तेरहवीं संस्कार, पढ़ें पूरा मामला
मीडिया लाइव, कानपुर देहात : समाज के कुछ जागरूक और समझदार नागरिकों ने यहां हिंदू-मुस्लिम एकता और सौहार्द्र की शानदार मिसाल पेश कि है। जिले के रामगंज में एक मुस्लिम परिवार ने हिंदू सदस्य को अपनाया और फिर उसकी मौत पर हिंदू रीति-रिवाज से तेरहवीं संस्कार किया। मुस्लिम परिवार की हर किसी ने सराहना की, इतना ही नहीं तेरहवीं कार्यक्रम में हिंदूओं ने भी शिरकत करके आपसी सामाजिक सौहाद्र को बढ़ाने का काम किया है। मौजूदा बदले हालत में जहां देश के तमाम इलाकों से धर्म की आड़ में वैमनष्यता फैलाने की खबरें माहौल को ख़राब करने का काम कर रही हैं। लेकिन इस खबर ने हवाओं में कुछ अच्छी खुशबू फैलाने का एहसास तो पैदा कर ही दिया है।
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बतादें कि रामगंज के सभासद हसीब कुरैशी स्क्रैप कारोबारी हैं। वर्ष 2005 में उनके गोदाम के पास हनुमान कुटी पर एक व्यक्ति आकर रुका। कई दिन वहां रहने के बाद वह उनके गोदाम पर काम मांगने आ गए। उन्होंने अपना नाम पंजाब के पठानकोट निवासी ओमप्रकाश शर्मा बताया। शिक्षित होने के कारण हसीब ने उन्हें गोदाम देखरेख का जिम्मा दे दिया। धीरे-धीरे वह उनके घर में परिवार के सदस्य की तरह रहने लगे। कोई भी उन्हें अलग नहीं समझता था। गोदाम से लेकर घर की हर गतिविधि में वह शामिल रहते थे। कुछ दिन पहले दुर्घटना में 76 वर्षीय ओमप्रकाश घायल हो गए और अस्पताल में 11 अप्रैल को उनकी मौत हो गई।
इसके बाद हसीब व उनके पिता हबीब ने अपने हिंदू साथियों से चर्चा कर पुरोहित की निगरानी में उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से किया। रविवार को तेरहवीं का आयोजन किया और ब्राह्मणों को भोज कराकर दान भी दिया। तेरहवीं में कस्बे के लोग भी शामिल हुए और मुस्लिम परिवार के सामाजिक सौहार्द के कदम को खूब सराहा। साथ ही लोगों ने मृतक के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।
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