MEDIA LIVE : उत्तरकाशी वरुणाघाटी के कई गांव जुड़े आम आदमी पार्टी से
मीडिया लाइव: उत्तरकाशी की वरुणाघाटी के दुरस्त क्षेत्र के बेहद दुर्गम गांव के लोग बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ गए हैं। यहां अब तक लोग भाजपा और कांग्रेस को वोट देते आए हैं। लेकिन देश में लगातार बदल रहे राजनीतिक हालातों को देखकर यहां परिवर्तन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
बता दें कि भारतीय सेना से रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल जब से आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं, तब से लगातार वे उत्तराखंड के युवाओं से संपर्क साधने में जुटे हैं। लगातार अब पहाड़ के दूरदराज इलाकों में भ्रमण कर रहे हैं। इस बीच उन्हें लोगों से सीधे मुखातिब होने का मौका मिल रहा है। सीमांत जनपद उत्तरकाशी के लोगों से कर्नल अजय कोठियाल का कोई नया नाता नहीं है। लेकिन एक राजनीतिक व्यक्तित्व होने के चलते अब लोग उनसे नहीं रूप में रूबरू हो रहे हैं।
कर्नल ने बताया कि क्षेत्र के उपरिकोट, भरान,गांव,निश्मोर, लटूर, जमदीड़ और ज्ञाणजा… इन सभी जगहों पर आजकल धान की रोपाई चल रही है। ठीक से की गई रोपाई पहाड़ के परिवारों का सालभर के लिए पेट पालने का एक साधन बन जाती है. सत्ता में अब तक का बीज रही सरकारों ने इन इलाकों के लोगों के लिए बहुत ज्यादा कुछ किया नहीं। बेहद मेहनत काफी लोग अपनी रोजी रोटी जुटाने को खेतीवाड़ी और पशुपालन पर निर्भर है। लेकिन हुए राजनीतिक दलों से अपने क्षेत्र के विकास रोजी रोटी और रोजगार के लिए दशकों से मिन्नतें करते रहे हैं। विधायक सांसद क्षेत्र में वोटों के लिए तो आते हैं लेकिन अब तक इस क्षेत्र के लिए जो कुछ किए जाने की जरूरत थी उस पर कुछ नहीं हुआ। अब यहां की जनता भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से आजिज आ चुकी है। लिहाजा उनका रुझान अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली में काव्य आम आदमी पार्टी की तरफ बढ़ रहा है। इसी के चलते पिछले दिनों इलाके के लोगों ने बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली है। पार्टी का दावा है कि करीब (556 लोगों ने) “आप” का दामन थामा है.
लोगों के जोश और उम्मीदों को देखते हुए आम आदमी पार्टी के नेता कर्नल अजय कोठियाल ने लोगों से कहा कि पहले हम फौज में रहते हुए मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़े, अब देवभूमि की रक्षा के लिए लड़ेंगे।
यह भी पढ़ें: ?सीएम की टीम में संधू के बाद आनंद वर्धन को तरजीह
दिल्ली सरकार: कोरोना में जान गवाने वाले परिवारों को 50 हजार रुपए आर्थिक सहायता ढाई हजार रुपए पेंशन