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कोरोना : मजाक नहीं, ये महामारी है

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कोरोना महामारी का रूप ले चुका है। अर्थव्‍यवस्‍थाएं टूटने के कगार पर हैं, मंदी मुंह बाए खड़ी है। रोकथाम ना हुई तो आने वाले दिन कठिन हो सकते हैं। कोरोना (कोविड-19) का संक्रमण बेहद तेजी से बढ़ रहा है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन 14 मार्च तक की रिपोर्ट से इसकी गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। जिसके मुताबिक पिछले 24 घंटों में 13 नए देश और क्षेत्र संक्रमण की चपेट में आए हैं। संगठन ने माना है योरोप अब इस महामारी का ऐपिसेंटर बन चुका है। यानी चीन से पश्चिमी देशों की ओर वायरस तेजी से फैला है। जिसकी शुरूआत जनवरी के शुरुआती दिनों में इटली से हुई। जहां एक चीनी पर्यटक के साथ कोरोना पहुंचा था। उसके बाद इटली में संक्रमण से छह सौ से ज्‍यादा जानें चली गई। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की ताजा रिपोर्ट के बताती है कि 1,42, 539 लोग कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। जबकि 5393 मौतें हो चुकी हैं। जिसमें अकेले चीन में ही मौतों का आंकड़ा 3194 है। इधर, भारत में भी एक मौत की खबर है और संक्रमण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। फिलहाल इस वायरस को पूरी तरह खत्‍म करने का कोई वैक्‍सीन तैयार नहीं है। भारत जैसे देश के लिए और बड़ा खतरा है। जहां महामारियों का लंबा इतिहास रहा है। सवाल ये है कि ऐसे में क्‍या किया जाए…जवाब है सिर्फ सुरक्षा। संक्रमण से बचाव के लिए हर उपाय अपनाना होगा। सरकार और डॉक्‍टर्स समय-समय पर सुरक्षा उपायों की जानकारी जारी कर रहे हैं। बदहवासी के ऐसे दौर में अफवाहें भी आग में घी का काम करती हैं। लिहाजा अफवाहों से बचा जाए। हर महामारी मानव अस्मिता को चुनौती देती है। ऐसे में इसे लेकर किए जाने वाले मजाक और मसखरेपन से आगे बढ़ना होगा।