साहित्य-बोली-भाषा

क्या नी हमरा पहाड़ मा

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उन्नत बीज, उन्नत खेती, उन्नति कैरा विचार मा।
डाळि, जड़ी-बूटि, पाणी, क्या नी हमरा पहाड़ मा।।
डांडि डाळ्यों न सजोंला, बांजि पुंगड़्यों तै खैंडोला।
हैरि भैरि स्यारि जमोला, पर्यावरण सुन्दर बणोला।।
फूल खिलला, चखुला हैंसला, ठंडी-ठंडी बयार मा।
डाळि,जड़ी, बूटि, पाणि , क्या नी हमरा पहाड़ मा।।
मास, भट्ट, गैथ, तोर, कखड़ी, गोदड़ी ओर-पोर।
निम्बू,सेब,खुमानी,अखोड़, आडु,आम नारंग्यों जोर।।
फल-फूलों डाळि उगौंला, घाटी अर नयार मा।
डाळि, जड़ी-बूटी, पाणी, क्या नी हमरा पहाड़ मा।।
कोदा,झंगोरा, धान लवाड़ि , लहलहाली खेति बाड़ी।
भरपूर यख खाद,पाणी हळ्दू आदु, अल्लू सग्वाड़ी।।
उत्तराखण्ड कू नाम होलु, कृषि अर उद्यान मा।
डाळि, जड़ी-बूटी, पाणी क्या नी हमरा पहाड़ मा।।
” बीना “