सियासत

किसका खेल बिगाड़ेंगे चौबट्टाखाल निर्दलीय

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मीडिया लाइव : इस बार चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के हैवीवेट नेता और इस क्षेत्र के स्थानीय सतपाल महाराज चुनाव मैदान में हैं. उनसे कांग्रेस के युवा नेता राजपाल बिष्ट का मुकाबला है. महाराज का इस क्षेत्र में खास प्रभाव है. इस सीट पर उनकी पत्नी अमृता रावत दो बार विधायक रह चुकी हैं. लिहाजा महाराज की यहाँ के लोगो में खासी पैठ भी है. यहाँ उनका अपना निजी संगठन भी है. इसके अलावा महाराज के लिए पुराने कांग्रेसी भी उनका प्रचार करते हुए दिख रहे हैं. स्थानीय बीजेपी संगठन पूरी निष्ठा से महाराज के साथ खड़ा हो गया है. इसकी झलक उनके नामांकन के मौके पर पौड़ी में भी देखने को मिली.  वहीँ कांग्रेस के प्रत्याशी राजपाल बिष्ट अपने साथ यूथ का साथ होने का दावा कर रहे हैं. हालांकि राजनीतिक जानकारों की भी माने तो बिष्ट ने भी पिछले पांच सालों में इस क्षेत्र में लगातार राजनीतिक सक्रियता दिखाई है. उनके समर्थकों का कहना है कि इस बीच प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के कारण राजपाल बिष्ट ने इस इलाके में काफी विकास कार्य करवाने में सफलता हासिल की है. जिसका उन्हें इस चुनाव में निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा. जानकारों का मानना है की महाराज का स्थानीय होना उनके लिए लाभकारी साबित होगा. जबकि यही बात कांग्रेस प्रत्याशी के लिए कुछ हद तक मुसीबत खड़ी कर सकती है. हालांकि 2012 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत को राजपाल बिष्ट ने कड़ी कड़ी टक्कर दी थी. तीरथ सिंह महज करीब 450 मतों चुनाव जीते थे. ऐसे में इस बार तीरथ के मुकाबले महाराज से बिष्ट की राजनीतिक टक्कर कई मायनों बेहद दिलचस्प होने जा रही है. इस सीट पर वैसे पौड़ी जनपद में सबसे ज्यादा निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे हैं. लेकिन अब देखना यह है कि इनमें से कितने नाम वापस लेते हैं और कितने चुनावी रेस में बने रहने की हिम्मत जुटाने का साहस रख पाते हैं.  एक बात गौर करने वाली है कि सतपाल महाराज का विधानसभा चुनाव मैदान में उतरना उनके राजनीतिक विरोधियों के लिए अपच बन सकता है . इसलिए वो महाराज को चुनावी नुक्सान पहंचाने का भरसक प्रयास करेंगे. यह भी महाराज के लिए एक चुनाती साबित होगा. जिससे निपटने के लिए उन्हें बेहद सावधान रहने की भी जररूत है. वहीं कांग्रेस उम्मीदवार की राह में भी कई अपने कांटे विछाने की कोशिश में लगे हैं. उनकी राह भी बहुत आसान नहीं है. कुल मिलाकर इस विधानसभा सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प होगा.