पौड़ी जिला प्रशासन ने किया ये दावा

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मीडिया लाइव: जिला प्रशासन व स्वजल विभाग ने यह दावा किया है कि उनकी जद्दोजहद के बाद आज पौड़ी जिला पूरी तरह से खुले में शौच की प्रथा से मुक्त हो गया है। बाकायदा जिलाधिकारी सुशील कुमार ने जनपद के ओडीएफ होने की घोषणा की। उन्होंने विभिन्न विभागों की ओर से ओडीएफ को लेकर किये गये प्रयासों के लिए उन्हें बधाई तक दे दी है।इसके अलावा उन्होंने मीडिया, ग्राम प्रधानों, क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों व आम जनमानस की अहम भूमिका को भी सराहनीय बताया।

विकास भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि विभिन्न विकास विभागों व जन प्रतिनिधियों को सराहनीय प्रयासों से जिले को खुले में शौच की प्रथा से मुक्त घोषित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि स्वजल व अन्य विभागों की ओर से एनजीओ तथा नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से शौचालयों के उपयोग करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 के सर्वे के अनुसार 47 हजार 526 परिवारों को शौचालय निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसे पांच वर्षों में प्राप्त कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि लोग अधिक से अधिक शौचालयों का उपयोग करें तथा बाहरी गंदी से वार्तावरण को दूषित न करें। उन्होंने कहा कि अब शौचालयों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इसके तहत शौचालयों में जीओ टैग लगाये जाने हैं। उन्होंने जीओ टैग के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर दस रूपये प्रति टैग की धनराशि या कम से कम तीन सौ रूपये की प्रोत्साहन राशि देने की भी बात कही। डीएम ने आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर नमामि गंगे योजना के तहत गंगा किनारे के चयनित बीस गावों की डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिये।

स्वजल प्रबंधक रामेश्वर सिंह चौहान ने दृश्य एवं श्रव्य के माध्यम से राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन तथा खुले में शौच से मुक्त के लिए शौचालयों के निर्माण की तकनीकी जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि ओडीएफ के तहत ग्राम पंचायतों में भी नोडल अधिकारी नामित किये गये हैं। इसके अलावा चित्रकला, पेंटिंग, नुक्कड़ नाटकों, स्वच्छता रथों व कृषि रथों के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया गया। उन्होंने सभी विभागों द्वारा दिये गये सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014-15 में 4640, वर्ष 2015-16 में 7672 तथा वर्ष 2016-17 में 31625 तथा वर्तमान समय में 3542 परिवारों के शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। इस मौके पर सीडीओ विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि मनरेगा के तहत 6400 शौचालय निर्मित किये गये। उन्होंने कहा कि सौ ग्राम प्रधानों को चिन्हित कर उन्हें सम्मानित करने का कार्यक्रम भी स्वच्छता के लिए आयोजित कार्यशाला के अवसर पर चलाया जाएगा। उन्होंने जिला स्तरीय अधिकारियों, विकास खंड स्तरीय अधिकारियों के अलावा ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों का भी जनपद को ओडीएफ कराने में सहयोग के लिए आभार जताया। कार्यक्रम में परियोजना निदेशक एसएस शर्मा, डीडीओ वेद प्रकाश, डीपीआरओ मुस्तफा खान, अधिशासी अभियंता जल संस्थान पीके सैनी, कार्यक्रम अधिकारी एसके त्रिपाठी, डीएसटीओ निर्मल शाह, विभिन्न विकास खंडो के खंडविकास अधिकारियों समेत स्वजल से जुड़े अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन स्वजल प्रबंधन आरएस चौहान ने किया।

समूचे जिले का ODF हो जाना अपने आप में एक बड़ा काम है। लेकिन प्रशासन और स्वजल का दावा कितना सही है इस पर अभी जनता का पक्ष आना बाकी है।