MEDIA LIVE : गुलदार ने ली युवक की जान, क्षेत्र में दहशत का माहौल
मीडिया लाइव, बीरोंखाल थलीसैंण: जनपद गढ़वाल के सीमांत दूरस्थ क्षेत्र बीरोंखाल के एक युवक को गुलदार ने अपना निवाला बना दिया। घटना मंगलवार सुबह करीब साढ़े सात बजे की है। युवक सुबह सबेरे गोशाला से होकर शौच के लिए जंगल से सटे गदेरे की तरफ निकला था। जहां उस पर अचानक गुलदार ने हमला कर दिया। काफी देर तक युवक के घर न लौटने पर पर परिजनों व ग्रामीणों ने खोजबीन की तो पास के ही एक खेत में युवक का शव मिला। युवक का क्षत-विक्षत शव देखकर ग्रामीण दहशत में आ गए। मृतक के परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।घटना के बाद पूरे इलाके में डर का माहौल बन गया है। सूचना पर प्रशासन सहित वन विभाग व थाना पुलिस घटना स्थल पर पहुंची।

तहसीलदार रामेश्वर प्रसाद मंगाई ने बताया कि बीरोंखाल ब्लॉक की पट्टी साबली के तहत जनपद की सीमा से लगे हुए जोगीमढ़ी के निकट गांव में मंगलवार की सुबह ग्रामीण युवक दिनेश चंद्र उम्र 38 वर्ष पुत्र रामलाल निवासी ग्राम भैंसोड़ा शौच के लिए निकला था। इसी दौरान अचानक गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। इस हमले में गुलदार ने युवक की जान ले ली। खोजबीन कर परिजनों व गांव वालों ने युवक का शव खेत से बरामद किया। तहसील प्रशासन, पुलिस व वन विभाग के अधिकारी सूचना पर घटनास्थल पर पहुंचे, जहां युवक के गले पर जंगली जानवर के दांतों के निशान पाए गए, वही शरीर के कई अन्य हिस्सों पर भी गहरे घाव हुए हैं। इसकी जानकारी जिलाधिकारी कार्यालय को भेज दी गई है। पुलिस क्षेत्र होने के कारण आगे की कार्रवाई थाना थलीसैंण पुलिस कर रही है। घटनास्थल पर सूचना मिलने के बाद तहसीलदार बीरोंखाल राजेंद्र मंगाई, कानूनगो प्रदीप रावत पटवारी प्रदीप रावत व दर्शन सिंह रावत, रेंजर थलीसैंण अनिल रावत, थाना थलीसैंण के उपनिरीक्षक बबलू चौहान मय फोर्स मौके पर पहुंचे। पुलिस शव का पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम के लिए भेजने की कार्रवाई कर रही है।
घटना के बाद पूरी साबली पट्टी और आसपास के इलाकों में डर और भय का माहौल है। लोग गुलदार को नरभक्षी घोषित कर डर और भय के माहौल से निजात पाने की मांग कर रहे हैं।
यह क्षेत्र आरक्षित वन क्षेत्र थलीसैंण रेंज के तहत आता है। रेंजर रावत ने बताया कि पीड़ित परिवार को अनुग्रह राशि के रूप में ₹50000 दिए गए हैं। साथ ही गुलदार की अगली गतिविधि पर नजर रखने के लिए गश्ती दल की तैनाती कर दी गई है व पिंजरा लगाया जा रहा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों से दिशानिर्देश लिए जाएंगे।