बिन बारिश-बर्फवारी किसान मायूस,अब पश्चिमी विक्षोव पर टिकी उम्मीद
मीडिया लाइव, जोशीमठ : सूबे के पहाड़ी जनपदों में बारिश और बर्फबारी ना होने से सीमांत के प्रगातिशील किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं.किसानों का कहना है कि समय से बारिश और बर्फबारी नहीं हुई तो उनकी फसल बर्बाद हो सकती है.वहीं पहाड़ों में आज से सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोव के चलते एक बार फिर से बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान जारी हुआ है, लेकिन किसानों का कहना है की समय पर बारिश बर्फबारी नही होने से जो नुकसान होना था उसकी भरपाई अब नही हो सकती है, दरअसल सूबे में लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण किसानों को अपनी फसलें खराब होने का डर सता रहा है। वहीं बर्फबारी और बारिश की कमी के कारण में सीमांत जोशीमठ छेत्र के खेत खलिहानों और बागानों में भी सूखा पड़ना शुरू हो गया है। किसानों की माने तो समय पर बर्फबारी और बारिश न होने से सेब बागवानी सहित गेंहू,जौ,मटर व गेहूं की फसल को भारी नुकसान होने की आशंका है।
उत्तराखंड में इस बार खेती-बागवानी के लिए मौसम बड़ा बेरहम बना हुआ है. रबी के फसल के साथ पहाड़ के सेब,पुलम, खुबानी की पैदावार पर भी संकट मंडरा रहा है. बारिश और बर्फबारी नहीं होने से फसल सूखने लगी है. पहाड़ों पर बागवानी और खेत पर मौसम का असर साफ देखने को मिल रहा है. किसानों की बिना बारिश खेतों में सूख रही गेहूं फसल और नमी बिना सूख रहे सेब बागानों को मौसम विभाग के बारिश और बर्फबारी के आज के पूर्वानुमान से राहत की एक उम्मीद दिखाई दे रही है। मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो चुका है। ऐसे में पहाड़ी क्षेत्रों में 30 जनवरी से लेकर तीन फरवरी तक बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान लगाया गया है। अगर पहाड़ों में अच्छी बारिश और बर्फबारी होती है, तो सेब बागानों और खेतों में सूख रही गेहूं फसल को संजीवनी जरूर मिलेगी। गेहूं फसल बिना बारिश के पीली पडऩा शुरू हो गई है। जनवरी माह भी बिना बारिश और बर्फबारी के ही निकल गया।
हालांकि मौसम विभाग ने इस बार बारिश और बर्फबारी की उम्मीद जताई है। ऐसे में किसानों में थोड़ी राहत की उम्मीद जगी है। जोशीमठ छेत्र के सुनील, परसारी मेरग, बड़ागांव, छेत्र के किसान यही उम्मीद लगा रहे हैं कि शायद अब अच्छी बारिश और बर्फ बारी हो जाए, तो पशुओं के लिए भी चारे का प्रावधान हो सकेगा। क्योंकि बिना बारिश के पालतू पशुओं को चारे का प्रावधान करना भी मुश्किल होता जा रहा है।
वहीं छेत्र के उन्नत शील किसानों और सब्जी मंडी कारोबारी का कहना है कि समय पर बर्फबारी और बारिश न होने से सेब बागवानी और मटर व गेहूं की फसल को भारी नुकसान होने की आशंका बनी हुई है. काश्तकारों के अनुसार रबी की फसल और पहाड़ों के सेब, नाशपाती सहित अन्य फलों के लिए के लिए जनवरी माह में बारिश और बर्फबारी बेहद जरूरी है. लिहाजा आज से हो रहे मौसम में परिवर्तन पर सीमांत के सेब काश्तकारों और किसानों की उम्मीद टकटकी लगी हुई है अब यह उम्मीद कितनी सटीक साबित होगी ये आने वाला समय बताएगा.