वनों में आग की घटनाओं को रोकने को प्रभावी कदम

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मीडिया लाइव: बढ़ते तापमान एवं वनाग्नि की घटनाओं की प्रभावी रोकथाम के लिए आज जिला कलेक्ट्रेट, पौड़ी में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में एक बैठक की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए वनाग्नि को रोकने हेतु आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने जल संस्थान एवं लोक निर्माण विभाग को आपसी सांमजस्य से बढ़ती गर्मी में पेयजल की समस्या का समाधान निकालने के निर्देश दिये। उन्होंने डीएफओ को पिछले 5 वर्षों के रिकार्ड के आधार पर वनाग्नि वाले अति संवदेनशील स्थलों का चयन कर सूची उपलब्ध कराने को कहा। कहा कि अति संवेदनशील स्थानों पर अधिक चौकसी बरती जाये, ताकि आग लगने की सूचना तत्काल प्राप्त हो सके तथा प्रभावी कार्यवाही की जा सके। उन्होंने जल संस्थान को पेयजल की समस्या वाले स्थानों पर पानी के टेंकर से पेयजल आपूर्ति कराने के भी निर्देश दिये। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के सभी खण्डों के अधिकारियों को यात्रा रूटों पर विशेष रूप से सफाई करवाने के निर्देश दिये तथा यात्रा मार्गों पर निगाह रखने को भी कहा। जिलाधिकारी ने वन विभाग को निर्देश दिये कि उन लोगों पर निगाह रखें जो जबरन जंगलों में आग लगाने में लिप्त रहते है, इसके लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाये। साथ ही ग्रामीणों को वनों के प्रति जागरूक करने के लिए ग्रामीण स्तर पर बैठके आयोजित की जाये। उन्होंने एफएसओ, थानों, वन चौकियों को मुस्तैद रहने के भी निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने आपदा प्रबन्धन में उपकरणों की खरीद के लिए शासन द्वारा जारी धनराशि की भी जानकारी ली। संबंधित द्वारा अवगत कराया गया कि आपदा मद में धनराशि स्वीकृति हो चुकी है, जिससे आपदा के लिए उपकरणों की खरीद की जानी है। उन्होंने प्रभारी आपदा अधिकारी-अपर जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि वनाग्नि के दौर को देखते हुए इस मद से अति संवेदनशील वन पंचायतों के लिए 2-2 लाख रूपये की धनराशि जारी करना सुनिश्चित करें।
बैठक में अपर जिलाधिकारी डॉ. एस.के. बरनवाल, एसडीएम पौड़ी योगेश मेहरा, कोटद्वार मनीष सिंह, श्रीनगर दीपेन्द्र नेगी, यमकेश्वर श्याम सिंह राणा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बी.एस. जांगपांगी, डीएफओ लक्ष्मण सिह रावत, डीएफओ सिविल सोयम संतराम, जिला शिक्षा अधिकारी हरिराम यादव, दैवी आपदा प्रबन्धन अधिकारी पौड़ी दीपेश चन्द्र काला, एसडीओ वन विभाग एम.के. बहुखण्डी, वार्डन कालागढ़ टाइगर रिजर्व एल.आर. नाग सहित संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।