COVID 19 कोरोना पर अब भा.रा.का. सरकार की पिछलग्गू नहीं बनेगी
मीडिया लाइव, ब्यूरो: कोविड-19 कोरोना को लेकर अब कांग्रेस ने सरकार के पीछे चलने के बजाय अपनी रणनीति में बदलाव करना शरू कर दिया है. वह अब इस मामले में सरकार की कमियों को उजागर कर परेशान लोगों के साथ हर तरह से खड़ी होने का मन बना चुकी है.
इस बीच मौजूदा सरकार के लोगों की समस्याओं से निपटने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने काम की शुरूआत कर दी है. चाहे मामला देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था का हो या फिर देशभर में दर-दर भटक रहे मजदूर वर्ग का. पिछले दो रोज पहले भा.रा.का. अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मजदूरों का ट्रेन किराया कांग्रेस पार्टी फंड के खाते से देने का ऐलान कर सरकार और उसकी सियासी पार्टी पर मास्टर स्ट्रोक चला. इसके बाद देशभर में पार्टी नेता रिचार्ज हो गए. कल यानी बुधवार को पार्टी शासित मुख्यमंत्रियों की बैठक में मोदी सरकार पर पुरजोर अटैक किया गया. कुल मिलाकर अब पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने रणनीति बदल दी है.
शुरू से ही कांग्रेस ने कोविड 19 को लेकर आगाह किया था:
गौरतलब है कि दुनियाभर में कोरोना संक्रमण की शुरुआती दौर की सूचनाओं के बाद से ही पार्टी नेता राहुल गांधी सरकार को आगाह करते आये थी, उन्हीं के मुताबिक सरकार ने इस बात को पहले गंभीरता से नहीं लिया, और वह इस बीच अन्य गैरजरूरी कामों में लगी रही.
कोरोना की लड़ाई में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सरकार के साथ नजर आई: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सरकार के लॉकडाउन समेत उठाए गए सभी कदमों का पुरजोर समर्थन के साथ स्वागत भी किया था. लेकिन अब इस लड़ाई को सरकार के भरोसे नहीं छोड़ना चाहती, क्योंकि इस बीच सरकार ने जो बिना तैयारी के निर्णय लिए उससे देश के तमाम हिस्सों में लोगों की परेशानियां बढ़ी हैं. इसके बाद पार्टी ने नई राजनीतिक लाइन लेनी शुरू कर दी है. जो पार्टी के लिए इस वक्त बेहद जरूरी भी मानी जा रही है. पार्टी ने देश में जारी लॉक डाउन के दौरान गरीबों, मजदूरों और छोटे कारोबिरायों के हितों की अनदेखी, देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट और कोरोना से भविष्य में पड़ने वाले दुष्प्रभाव को देखते हुए ऐसे तमाम मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.
फंसे लोगों की मदद को तैयारी: फंसे मजदूरों की घर वापसी के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, लेकिन प्रवासी मजदूरों से टिकट का पैसा लिया जा रहा है.जबकि इस वक्त फंसे लोगों के पास पैसे होने की संभावना कम है. ऐसे में सोनिया गांधी ने एक पत्र लिखकर कहा कि मजदूरों के किराये का भुगतान कांग्रेस अपने पार्टी फंड से करेगी. इसके बाद मोदी सरकार पर सवाल खड़े होने लगे. सोनिया ने कहा कि जब विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने का किराया नहीं लिया गया तो फिर गरीब प्रवासी मजदूरों के से क्यों पैसा लिया जा रहा है. इन्होंने कहा कि यह देशवासियों को परेशान करने वाली बात है. सोनिया ने कहा कि इस संकट की घड़ी में रेलवे प्रवासियों से किराया वसूल रहा है, यह बहुत बुरा निर्णय है. इस वक्त मजदूरों के पास खाने-पीने और दवा का इंतजाम भी नहीं है और रेलवे उनसे किराया वसूल रहा है.
राज्यों से परामर्श जारी : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने पार्टी शासित राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमले किए. सोनिया ने सरकार से पूछा कि 17 मई के बाद क्या होगा और लॉकडाउन कब तक जारी रहेगा. सरकार ने लॉकडाउन जारी रखने के लिए क्या पैमाना लागू किया. उसके पास लॉकडाउन 3.0 के बाद क्या रणनीति है. पूर्व पीएम डॉ- मनमोहन सिंह ने कहा, ‘मुख्यमंत्रियों को भारत सरकार से इस बारे में पूछना चाहिए कि देश को लॉकडाउन से बाहर निकालने को लेकर उसकी क्या रणनीति है.’
कांग्रेस मुख्यमंत्रियों ने बोला हमला:
इसके बाद पंजाब के सीए कैप्टन अमरिंदर सिंह और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी ने कहा,’बिना राज्य सरकारों की सलाह के केंद्र सरकार जोन का वर्गीकरण कर रही है. दिल्ली में बैठे लोग राज्यों की हालत को नहीं बता सकते हैं. जोन बंटवारे में किसी भी राज्य या मुख्यमंत्री से परामर्श नहीं किया जाता है.
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि लॉकडाउन के चलते राज्य में आर्थिक संकट है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से लगातार आर्थिक पैकेज की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार कोई जवाब नहीं दे रही है. केंद्र सरकार मदद नहीं करती है तो उनके लिए अपने यहां गरीबों की मदद करना बहुत मुश्किल होगा. इसके अलावा कांग्रेस मुख्यमंत्री मोदी सरकार से आर्थिक पैकेज के लिए पत्र लिख रहे हैं.