अंकिता को न्याय दिलाने को दो अक्टूबर को उत्तराखंड बंद की कॉल, युवा बेरोजगार संगठन भी शामिल न्याय की लड़ाई में !
मीडिया लाइव , देहरादून: उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी मर्डर केस को लेकर लोग बेहद आक्रोशित हैं। प्रदेश में हर जगह अंकिता भंडारी को इंसाफ दिलाने के लिए जनता प्रदर्शन कर रही है। इसी कड़ी में उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय संरक्षक त्रिवेन्द्र पंवार ने अंकिता हत्याकांड के आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। इस दौरान उत्तराखंड क्रांति दल ने गांधी जयंती के दिन उत्तराखंड में एक बड़े आंदोलन की सरकार को चेतावनी दी है। साथ ही 2 अक्टूबर को उत्तराखंड क्रांति दल ने पूरे उत्तराखंड में काला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। वहीं, देहरादून में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने भी इस उत्तराखंड बंद के आह्वान का समर्थन किया है।
श्रीनगर श्रीकोट व्यापार सभा के अध्यक्ष एवं पूर्व होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश नौटियाल ने कहा कि अंकिता हत्याकांड को लेकर लोगों में डर बैठ गया है. प्रदेश में ये पहला मामला है, जहां प्रदेश की बेटी की इतनी निर्ममता से हत्या की गई। उन्होंने कहा कि जनता मांग कर रही है कि अंकिता के परिजनों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की जाये। उन्होंने श्रीनगर में सभी से बन्द को सफल बनाने का अनुरोध किया है।
देहरादून में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने 2 अक्टूबर को बुलाए गये उत्तराखंड बंद का आह्वान किया है। देहरादून में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने 2 अक्टूबर को बुलाए गये उत्तराखंड बंद का आह्वान किया है. अंकिता हत्याकांड में पीड़ित परिवार न्याय दिलाने की मांग को लेकर बुलाए गए उत्तराखंड बंद का समर्थन करते हुए राज्य आंदोलनकारी मंच ने आमजन से पूरे सहयोग की अपील की है. प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी ने कहा कि 2 अक्टूबर को प्रातः 10:30 बजे मुजफ्फरनगर गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। अंकिता हत्याकांड में पीड़ित परिवार न्याय दिलाने की मांग को लेकर बुलाए गए उत्तराखंड बंद का समर्थन करते हुए राज्य आंदोलनकारी मंच ने आमजन से पूरे सहयोग की अपील की है. प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी ने कहा कि 2 अक्टूबर को प्रातः 10:30 बजे मुजफ्फरनगर गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
देहरादून के शहीद स्थल पर आयोजित बैठक में फैसला लिया गया कि 2 अक्टूबर के बंद को व्यापारी संगठन और टैक्सी यूनियन और विश्वविद्यालयों कॉलेज के छात्र संगठनों ने भी समर्थन दिया है। बेरोजगार संघ के बॉबी पंवार का कहना है कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में लगातार लीपापोती करने का प्रयास कर रहा है।
रविवार दो अक्टूबर को उत्तराखंड क्रांति दल की तरफ से बहन #अंकिता को इंसाफ दिलाने के संबंध में पूर्ण रूप से उत्तराखंड बंद की कॉल की गई है। बद्री केदार सेना अध्यक्ष प्रतीक बिष्ट ने बताया कि “बद्री केदार सेना” उत्तराखंड बंद का पूर्ण रूप से समर्थन करती है। उन्होंने कहा जब तक अंकिता के कातिलों को फांसी की सजा नहीं मिल जाती, उत्तराखंड का युवा चुप नहीं बैठेगा।
वहीं वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी और उत्तराखंड के तमाम संवेदनशील मुद्दों पर हमेशा मुखर रहने वाले मोहन सिंह रावत उत्तराखंडी ने कहा कि ये लड़ाई किसी व्यक्ति या परिवार की लड़ाई नहीं है, यह उत्तराखण्ड की अस्मिता, मान मर्यादा को बचाए रखने और राज्य की बेटी को न्याय दिलाने की मुहिम है। ये मशाल किसी भी कीमत पर बुझने नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सत्ता से संबंध रखने वाले लोग इस लड़ाई को राजनीतिक करार देकर अपने दूषित और घृणित विचारों को प्रकट कर रहे हैं। वो लोग जिन्होंने एक कथित एनकाउंटर में हमारे उत्तराखंड के पुलिस कर्मियों के खिलाफ सीबीआई जांच करने के आदेश देने में कोई विचार नहीं किया, बल्कि अपने आकाओं के आदेश को सर झुका कर उनकी तामील की, जिसकी परिणति है कि पहाड़ के बेटे आज जेलों में सड़ रहे हैं। वही लोग आज अंकिता बिटिया के मामले में एक जुट जनता को देख कर इसे राजनीतिक बता रहे हैं। जबकि उनके उन निर्णयों का नतीजा है कि उत्तराखंड की पुलिस का मनोबल आज तक मजबूत नहीं हो पाया। पुलिस उत्तराखंड में अपराधियों की घुसपैठ को रोकने में सख्त कदम उठाने से हिचकिचाहट महसूस करती है। मोहन सिंह ने बेझिझक हो कर कहा कि ऐसे लोग याद रख लें बदनीयती और स्वार्थों की उम्र लंबी नहीं होती।