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बजट को लेकर बीजेपी कांग्रेस आमने सामने

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मीडिया लाइव, देहरादून : अभी हाल ही में गैरसैण में आहूत हुए सत्र में रखे गए आगामी वित्तीय वर्ष के बजट को लेकर जहाँ बीजेपी इसके राज्य हित में होने को लेकर जोर शोर से प्रचार में जुटी हुई है। वहीँ मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस इसे सबसे निराशजनक बजट करार देने पर तुली हुई है। दोनों ही दलों के नेताओं के बजट को लेकर अपने अपने तर्क सामने आ रहे हैं।

रूड़की पहुँचे भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने 2023- 24 के बजट की उपलब्धियों से प्रेस के मध्यम से अवगत कराया। वही उन्होंने प्रदेश में और भी चल रही कई योजनाओं से अवगत कराते हुए कहा कि भाजपा ही एक ऐसी सरकार है जो सभी वर्ग के लोगो को एक साथ लेकर चलती है, वही उन्होने यह भी बताया कि हाल में ही पेश किया गया बजट किसानों के साथ साथ आमजन के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होने वाला है।

कांग्रेस नेताओं ने प्रेस वार्ता कर बजट सत्र को लेकर सरकार पर जुबानी हमला किया। इस दौरान नेताप्रतिपक्ष यशपाल आर्य सहित विधायक प्रीतम सिंह, ममता राकेश, अनुपमा रावत सहित कई विधायक भी मौजूद रहे। कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर बजट को लेकर जमकर निशाना साधा। यशपाल आर्या ने कहा है कि कार्यमंत्रा समिति में 5 दिन का बजट सत्र तय हुए था, लेकिन समय से पहले ही सत्र समाप्त कर दिया गया। सत्र के दौरान नियमों की अनदेखी की गई। सरकार नही चाहती की प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर विपक्ष अपनी आवाज बुलंद कर सके। पूर्व बजट में सरकार ने जो धनराशि विभागों की दी थी, उसका केवल 40% ही खर्च हो पाया, जोकि अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को विकास कार्यों से कोई सरोकार नही है।

प्रीतम सिंह ने कहा आज प्रदेश में नौकरीशाही पूरी तरह से बेलगाम हो चुकी है। राज्य में आय के संसाधन कैसे जुटाए जाए इसका कोई रोडमैप सरकार के पास नहीं है। विधायको का निलंबन पर आदेश चौहान का प्रस्ताव पर संज्ञान न लिया जाना साफ दर्शाता है पीठ से जो संरक्षण हमे मिलना चाहिए था वो नही मिला।
297/01 की धारा के तहत जिस भी विधायक का निलंबन किया जाता है उसका नाम बोला जाता है, लेकिन विधानसभा स्पीकर ने सदन के नियमो के विपरीत करवाई की।

कार्यसंचलन में विधानसभा स्पीकर ने नियम का उल्लघंन किया।इस वर्ष बजट में पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग सहित कई विभागों के बजट को कम कर दिया गया, तो क्यों सरकार अपनी पीठ थप थापने का काम कर रही है। 13 मार्च को सत्र शुरू होने से पहले 12 मार्च कार्यमंत्रणा की बैठक में 13 और 14 मार्च का कार्य तय किया गया, लेकिन 15 मार्च को सत्र शुरू होने से पहले कार्यमंत्रा की बैठक में विपक्ष को नही बुलाया जाता, जोकि नियमो के विरुद्ध है।