बैंकों की इस धीमी रफ़्तार पर नाराज हुए सीडीओ
मीडिया लाइव, पौड़ी: जिलाधिकारी ने बैंक नियंत्रकों को ब्लाक स्तर पर होने वाली बैठक में प्रतिभाग करने के निर्देश दिये। डीएम ने बैंकों के लिए विभिन्न योजनाओं में निर्धारित लक्ष्यों के सापेक्ष चल रही धीमी गति पर नाराजगी जताई। जिला स्तरीय समन्वय समिति व पुनरीक्षण समिति की बैठक विकास भवन में आयोजित की गई थी. इस मौके पर सीडीओ ने बैंकों को अपने ऋण जमा अनुपात में सुधार लाने के निर्देश दिये। सीडीओ ने बैंकों की कार्य प्रगति की आख्या 15 दिनों प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिये हैं।
लीड बैंक एसबीआई की पहल पर यह बैठक आयोजित की गई. डीएम ने बैंकों को सरकार की ओर से संचालित विभिन्न स्वरोजगार परक योजनाओं की जानकारी शिक्षित युवा वर्ग तक पहुंचाने को कहा। उन्होंने कहा कि बैंक जिला मुख्यालय के साथ साथ दूरस्थ क्षेत्रों में स्वरोजगार के लिए इच्छुक युवाओं को ऋण उपलब्ध कराने में उनकी पूरी मदद करें। इसके अलावा युवाओं की ओर से स्वरोजगार के लिए प्राप्त आवेदनों को शीघ्र ही स्वीकृत कर उन्हें ऋण उपलब्ध करायें। इस मौके पर सीडीओ ने बैंकों की ओर से ऋण जमा अनुपात में की जा रही प्रगति पर नाराजगी जताई। उन्होंने कृषि क्षेत्र के निर्धारित लक्ष्यों के सापेक्ष उपलब्धि नहीं होने पर बैंक नियंत्रकों को कड़ी फटकार भी लगाई। कहा कि कई बैंक किसानों के लिए संचालित योजनाओं को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों की सहायता के लिए कई योजनाओं को ब्लाक स्तर पर संचालित करने के लिए मनरेगा व अन्य समूहों से शिक्षित युवाओं का सहयोग लिया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन करते हुए लीड बैंक अधिकारी नंद किशोर ने बताया कि त्रैमास में एसबीआई का सीडी अनुपात 16 प्रतिशत जबकि आईसीआईसीआई बैंक का सबसे कम 8 प्रतिशत रहा। उन्होंने बताया कि सीडी अनुपात के मामले में इंडियन ओवरसीज बैंक सर्वाधिक 118 तथा बैंक ऑफ बडौदा 56 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है। उन्होंने बताया कि जिले का औसत ऋण जमा अनुपात मात्र 23 प्रतिशत है जो कि आरबीआई के निर्धारित 60 प्रतिशत के लक्ष्य के आधे से भी कम है। सीडीओ ने कम सीडी अनुपात वाले बैंकों की कार्य प्रणाली पर नाराजगी जताई। उन्होंने इसमें शीघ्र ही सुधार लाने के निर्देश दिये। बैंक नियंत्रकों की ओर से बताया गया कि अब खाता धारकों को अपना बैंक खाते में कम से कम 362 रूपये रखने ही होंगे। उन्होंने कहा कि 5 से 9 जून तक लीड बैंक की ओर से वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें सभी बैंकों की ओर से उपभोक्ताओं को बैंकिंग क्षेत्र के संबंध में बारीकी से जानकारियां उपलब्ध कराई जाएंगी।
इस मौके पर मुख्य कृषि अधिकारी डा. डीएस राणा ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत ने 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक धान एवं मंडवा की फसलों को बीमित किया जाना है। उन्होंने बताया कि धान व मंडवे के लिए बीमा जिले वार अलग अलग निर्धारित की गई है। पीएमएफबीवाई के लिए अनुबंधित ओरिएंटल बीमा कंपनी के बीमा विशेषज्ञ संदीप जैन ने बताया कि भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में सभी बैंकों को अऋण किसानों को लोन देने लिए विशेष रूप प्रोत्साहित करने को कहा गया है। कहा कि सभी बैंक काश्तकारों को प्राथमिकता के आधार पर लोन स्वीकृत करें। इसके अलावा बैंक किसान क्रैडिक कार्ड धारक काश्तकारों को विशेष रूप का कार्ड का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करें। जिससे उन्हें बीमा की राशि का सही मूल्य प्राप्त हो सके। इस मौके पर पीडी एसएस शर्मा, वीपीडी सुनील कुमार, डीडीओ वेद प्रकाश, जिला उद्यान अधिकारी डा. नरेंद्र कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी रतन सिंह , नगर सेवायोजन अधिकारी मुकेश रयाल, भारतीय रिजर्व बैंक के प्रबंधक दिग्विजय सिंह सजवान, बीएस मर्तोलिया, डीएस नेगी, आशीष काला, केएम शर्मा, संजय शर्मा, पवन कुमार सैनी, अमित सिंह सहित अन्य अफसर मौजूद रहे।