बाहरी व्यक्तियों को केदारघाटी में नहीं किया जायेगा बर्दास्त – मनोज रावत
रुद्रप्रयाग : केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने वर्तमान में केदारनाथ यात्रा को लेकर सरकार से नाराजगी जाहिर की है। मनोज रावत ने बताया वर्ष 2013 में आपदा के बाद से स्थानीय निवासियों जिसमें गुप्तकाशी- गौरीकुंड, कालीमठ घाटी, मदमहेश्वर घाटी समेत ऊखीमठ के आस पास के लोगों के रोजगार के अवसर समाप्त होते जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी वे लोग हैं जो कि कई पीढ़ियों से न केवल यात्रियों की सेवा करते हैं, बाल्की उनकी रोजी- रोटी भी केदारनाथ यात्रा पर निर्भर थी।
केदारनाथ विधायक ने तल्ख़ तेवर कहा कि केदारनाथ यात्रा लगातार पूंजी पतियों के हाथों में सिमटती जा जा रही है। इसी वजह से स्थिनिय लोगों का केदारनाथ यात्रा और परमपराओं के प्रति निराशाजनक भाव उत्पन्न होता जा रहा है। रावत ने इस बात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि निराशा जनक भाव स्थानीय परम्परों और केदारनाथ यात्रा के लिए शुभ संकेत नहीं है। केदारनाथ विधायक ने कहा कि आपदा के बाद से सरकारों की प्राथमिकता सुगम पर्यटन और विश्वभर के धर्मालंबियों को केदारनाथ यात्रा के प्रति प्रेरित करना था। गाठ वर्ष यात्रियों की संख्या से यह सिद्ध हो गया कि पिछली सरकार इन सब लक्ष्यों को पाने में बेहद सफल रही। उन्होंने कहा कि अब दूसरे चरण में सुगम और सुरक्षित यात्रा के बाद स्थानीय लोगों को केदारनाथ मार्ग पर रोजगार के अवसर दिए जाने चाहिए थे। यह इसलिए क्यों कि स्थानीय लोग ही भगवान केदार को शीतकालीन स्थान ऊखीमठ से केदार पहुचाने, वहां 6 महीने परंपरानुसार पूजा अर्चना से जुड़े रहते हैं। इसके अलावा आपदा और किसी भी संकट में स्थानीय निवासी ही उस परेशानी से निजात दिलाते हैं। *मनोज रावत ने स्पष्ठ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि स्थानीय युवकों का किसी भी माध्यम से रोजगार छीना गया तो उसे बिलकुल बर्दास्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में बाहरी लोगों का केदारघाटी में दखल स्थानीय जनता बिलकुल स्वीकार नहीं करेगी।*