बदलते मौसम से सेब फल पट्टी बागवानो की चिंता बड़ी…

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मीडिया लाइव, जोशीमठ : पहाड़ों में पिछले कुछ दिनों से दोपहर बाद हो रहे अंधड़ भरी आंधी तूफान के साथ बदल रहे मौसम से सेब के बागानों में चल रही फ्लावरिंग स्टेज प्रभावित हो रही है. उत्तराखंड के सीमांत इलाके जोशीमठ में निचले और ऊपरी इलाकों की सेब फल पट्टी में सेब की बेहतर पैदावार के लिए जी तोड़ मेहनत के बाद भी सेब बागवानों की माथे पर चिंता की लकीरें पड़ने लगी हैं.

दरअसल सूबे में अपने रसीले स्वाद और मिठास के लिए मशहूर जोशीमठ फल पट्टी के सेबों की भी मार्केट में अच्छी खासी डिमांड है. जिसके चलते क्षेत्र के सैकड़ों काश्तकार सेब बागवानी से जुड़कर अपनी आजीविका चला रहे हैं. यहाँ के लोगो की मजबूत आर्थिकी का बड़ा श्रोत सेब बागवानी से ही अता है .

इस बार छेत्र के मध्य और निचले सेब फल पट्टी में कुछ जगह बागानों में फ्लावरिंग हो रही है,जबकि अन्य ऊपरी बागानों में सेब के पेड़ों पर पिंकवड और ग्रीन टीप की अवस्था प्रगति पर है, जानकारों की माने तो सेब सहित अन्य फलों की पैदावार का आंकलन हर साल की तरह फूल गिरने के बाद ही लग पाता है. ऐसे में सेब के बागानों को फल तुड़ाई तक के लिए अंधड़ से लेकर, मौसम परिवर्तन,ओला वृष्टि, जेसे कई प्राकृतिक कारकों और परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है.

विगत वर्ष के ओसत सेब पैदावार के बाद इस साल अच्छी फसल की आस लगाए सीमांत का सेब काश्तकार दिन रात अपने बागानों में मेहनत कर रहा है, बागवानों का कहना है की अभी निचले इलाकों में बागानों में बडिया फ्लावरिंग देखने को मिली है, आजकल के बदलते मौसम और अंधड़ से ओला वृष्टि का खतरा भी सेब बागानों में मंडरा रहा है. फूल तो अच्छे आए है अभी पेड़ो पर अब इनमे कितने फूल आगे की प्रक्रिया में कामयाब होंगे. ये देखना होगा,फिलहाल सीमांत के सेब काश्तकारी से जुड़े किसानों के लिए उद्यान विभाग जोशीमठ के वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक सोमेश भंडारी ने कहा है कि सेब बागानों में आजकल बहुत फ्लावरिंग/पिंकवर्ड/का महत्वपूर्ण स्टेज चल रहा है. अपने बागानों में नमी बनाए रखने के साथ साथ फंगीसाईट स्प्रे करने की भी सलाह दी है,सेब बगवानो को, उन्होंने कहा की निचले इलाकों के सेब बागानों में फ्लावरिंग की तीसरी स्टेज चल रही है .

मध्य फल पट्टी में जहा अभी पहली और दूसरी फ्लावयरिंग चल रही है. वही अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में जहां सेब के बगीचो में अभी पिंक वर्ड स्टेज चल रहा है. वहां तीन दिनों के अंतराल में पहली फ्लावरिंग होने लगेगी .