त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी दोहराई पूर्व सीएम हरीश रावत वाली बात
मीडिया लाइव : उत्तराखंड में पलायन रोकने के लिए इन दिनों सूबे के मुखिया त्रिवेन्द्र सिंह रावत एक अनूठी मुहिम चलाने की कोशिश करते दिख रहे है । सीएम ने ट्विटर पर सेल्फी फ्राम माई विलेज ,अभियान के जरिये लोगों से कुछ दिन गाँव मे गुजारने की अपील की है । इस तरह की बात प्रदेश के पूर्व मुखिया हरीश रावत भी कर चुके हैं, पर उसका कितना असर हुआ शायद किसी को अब याद भी न हो।
खासतौर पर देश विदेश में बसे उत्तराखंड वासियों से मुख्य मंत्री ने गर्मियों की छुट्टियो मे बच्चों सहित पैतृक गाँव में जाकर कुछ दिन व्यतीत करने का आग्रह किया है। सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है की उत्तराखंड में पलायन एक गंभीर मुद्दा है। इसे रोकने के लिए प्रत्येक प्रदेश वासी को अपनी भागीदारी निभानी होगी। यदि बच्चे गाँव में कुछ दिन बिताएँगे तो उन्हे अपनी भाषा व संस्कृति से लगाव होगा । इससे बच्चों का गाँव के प्रति लगाव भी बड़ेगा और गाँव में भी चहल पहल रहेगी। गौरतलव है कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी इस तरह की अपील राज्य से पलायन कर चुके लोगों से की थी। इस बार नई सरकार और उसके मुखिया त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इसे मुहिम के तौर पर नया रूप देने की एक अच्छी कोशिश की है। जिसमें मुहिम के तहत बच्चों के साथ गाँव की सेल्फी फ्राम माई विलेज पर शेयर करने का आग्रह किया है । ताकि सोशल मीडिया पर इस मुहिम को एक अलग तरीके से आगे बढ़ाया जा सके ।
मुख्य मंत्री की ये मुहिम अच्छी है पर उत्तराखंड से पलायन क्यूँ हुआ इस पर सरकार को ध्यान ध्यान देने की जरूरत है । आज पहाड़ के अधिकतर गांवों में सड़के है ,बिजली है ,सरकारी स्कूल है कही पानी भी ठीक ठाक है ,स्वास्थय केंद्र भी है लेकिन उसके बावजूद भी पलायन हो रहा है। इन तमाम सुविधावों के बावजूद लोग पलायन करने को मजबूर है क्योकि उनके पास रोजगार नहीं है। अस्पतालों में डाक्टर नहीं है। स्कूलो में टीचर है लेकिन पढ़ाई का स्तर क्या है। इसके अलग अलग कारण हो सकते हैं। इसके लिए शिक्षकों या किसी एक तबके को दोष देने से समस्या का हल निकलने वाला नहीं है।