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महाराज को टिकट मिला तो भी विरोध करेंगे बीरोंखाल के भाजपाई?

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मीडिया लाइव, ब्यूरो :  जिस तरह से विधान सभा चुनाव लड़ने को लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच टिकट पाने को खींचतान होने लगी है, उससे लगता है राजनीतिक दलों के बड़े नताओं की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. ऐसा ही कुछ देखने को मिला है. पौड़ी जनपद की चौबट्टा खाल विधान सभा सीट पर वर्तमान बीजेपी विधायक तीरथ सिंह रावत के पक्ष में बीजेपी वीरोंखाल मण्डल कार्यकर्ताओं और पधाधिकारियों ने एक बैठक कर तीरथ सिंह रावत को ही टिकट देने के पैरवी की है. इस के पीछे आधार स्थानीय प्रत्याशी को टिकट देने को भी बनाया गया है. वहीं लोगों और मीडिया के बीच इस सीट पर इस बार बीजेपी के सीनियर और सबसे स्थानीय नेता सतपाल महाराज के चुनाव लड़ने की चर्चा जोर शोर से हो रही है. ऐसे में वीरोंखाल के बीजेपी पधाधिकारियों का तीरथ के पक्ष में माहोल बनाना कितना मजबूत  है.  यहाँ तक की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को इस सीट से टिकट ने देने के सथिति भें बीजेपी कार्यकर्ताओं की तरफ से सामूहिक स्टीफे देने का बयान भी सार्वजानिक तौर पर सामने आया है.

वहीं इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी को लेकर भी विरोध के सुर पहले ही उठ चुके हैं. अब चर्चा है की कांग्रेस में भी किसी नये और साथानीय चेहरे को भी चौबट्टा सीट पर चुनाव लड़ाया जा सकता है.

गौरतलब है की बीजेपी के मौजूद विधायक तीरथ सिंह रावत पहले पौड़ी विधान सभा सीट से दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. जहाँ से उन्हें दोनो भी बार हार का मुह देखना पड़ा था. पिछने विधानसभा चुनाव में तीरथ सिंह रावत को आखिरी वक्त में चुनाव लड़ाया गया था. जबकि बीजेपी की युवा स्थानीय नेता दीप्ति रावत ने इस सीट पर मजबूत तैयारी की थी. पार्टी ने उन्हें 2007 में विधानसभा चुनाव लड़ाया था. तब दीप्ति ने कांग्रेस के तत्कालीन प्रत्यायाशी और कांग्रेस नेता अमृता रावत को कड़ी टक्कर दी थी. दीप्ति को ही वीरोंखाल में बीजेपी संगठन को मजबूत करने का श्रेय दिया जाता है. लेकिन तीरथ सिंह रावत को पूर्व सीएम और बीजेपी के वरिष्ट नेता बीसी खंडूरी का करीबी होने का लाभ मिला और और दीप्ति केवल बदले रावत ने टिकट पाने में बाजी मारी. सतपाल महाराज मूल रूप से चौबबट्टा विधानसभा के मूल निवासी हैं. उनका पैतृक गांव भी इसी क्षेत्र में है. वहीँ तीरथ सिंह रावत ने सतपुली में घर बना लिया है. लेकिन वो मूल रूप से पौड़ी विधानसभा के कल्जीखाल क्षेत्र के रहने वाले है. जबकि कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी राजपाल बिष्ट भी पौड़ी विधानसभा सीट के कोट क्षेत्र से ताल्लुक रखते है. इतनी ही जानकारी स्थानीय लोगों को उनके बारे में है. बीजेपी और कांग्रेस के स्थानीय संगठन और कार्यकर्ता अब इस बार स्थानीय ब्यक्ति की टिकट की मांग कर रहे हैं. हालांकि दोनों ही राष्ट्रीय दलों के लिए यह बात बहुत मायने नहीं रखती है. लेकिन जिस तरह से बीजेपी वीरोखाल के पदाधिकारी सामूहिक स्टीफे की बात कर रहे हैं. यह केवल दबाव की राजनीति से ज्यादा कुछः नहीं है. क्योंकि सतपाल महाराज को टिकट मिलने की स्थिति में यह पूरा प्रककरण खुद ब खुद हवा हो जाएगा. महाराज स्थानीय प्रत्याशी में ही एक मात्र अभी तक चर्चित चेहरा देख रहे हैं. हालाँकि कांग्रेस में यशपाल बेनाम, राजपाल बिष्ट, जयदीप नेगी और दिग्मोहन नेगी जैसे नामों की चर्चा है. जिनमें भी दिग्मोहन नेगी और जयदीप नेगी को ही स्थानीय चेहरा बताया जा रहा है. अब देखने वाली बात यह है बस थोड़े समय बाद ही सब कुछ साफ़ हो जाएगा कि टिकट के बाजी किसके हाथ लगी और कौन बगावत करने का साहस दिखा पाता है.