चीन ने कहा नहीं मानें तो करेंगे हमला
अडोस-पड़ोस विशेष :दुनिया का दादा बनने को आतुर चीन अपनी कारोबारी नीतियों के चलते आधी से अधिक दुनिया आंख की किरकिरी बनता जा रहा है. लेकिन वह फिर भी बाज आने को तैयार नहीं है. अपने कुछ कमजोर विरोधी राष्ट्रों के प्रति वह आंखें तरेरता रहता है. इस वक्त भारत के साथ भी ऐसा ही कुछ करने की कोशिश में हमारा यह पड़ोसी लगा हुआ है. लेकिन हमसे उस रूप में वह अपनी दबंगई नहीं दिखा पाता जैसी वह इच्छा रखता है. लेकिन वह बाकी छोटे मुल्कों को गाहे-बगाहे धमकियां देता रहता है. इस बार फिर उसने अपने पुराने विरोधी ताईवान को धमकी दी है कि अगर वह एकीकरण के लिए तैयार नहीं हुआ तो उस पर हमला करेगा. चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के सदस्य और जॉइंट स्टाफ डिपार्टमेंट के प्रमुख ली झुओचेंग ने कहा है कि ताइवान को आजाद होने से रोकने का अगर कोई और रास्ता नहीं बचेगा तो चीन पर उस पर हमला करेगा.
झुओचेंग चीन में काफी सीनियर जनरल हैं. चीन में ऊंचे पद पर रहने वाले व्यक्ति की ओर से ऐसा बयान देना काफी रेयर है. बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पब्लिक में शुक्रवार को ली ने ये बातें कही.
ली ने कहा- ‘अगर शांति से एकीकरण के रास्ते खत्म हो जाते हैं तो चीन की सेना पूरे देश को साथ लेकर (ताइवान के लोगों को भी) अलगाववादियों पर जरूरी कार्रवाई करेगी.
जॉइंट स्टाफ डिपार्टमेंट के प्रमुख ने कहा कि हम सुरक्षा बलों का इस्तेमाल नहीं करने का वादा नहीं कर रहे हैं. ताइवान में स्थिति पर काबू करने के लिए हम इस विकल्प को रिजर्व रख रहे हैं.वे चीन के Anti-Secession कानून के 15वीं एनिवर्सरी पर बोल रहे थे. यह कानून चीन को कानूनी अधिकार देता है कि जब ताइवान अलग होने की कोशिश करे तो उस पर सैन्य कार्रवाई की जा सकती है.
ताइवान के सीनियर जनरल का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब चीन हॉन्ग कॉन्ग पर पूरा नियंत्रण हासिल करने के लिए नेशनल सिक्योरिटी कानून लागू कर रहा है.चीन ने दी युद्ध की धमकी, कहा- नहीं माना ताइवान तो होगा हमला.सालों से चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है. लेकिन ताइवान में खुद की चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार है. हालांकि, चीन के विरोध की वजह से ही कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में ताइवान को जगह नहीं मिल सकी.