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बनभूलपुरा हिंसा के इन आरोपियों को मिली जमानत…

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मीडिया लाइव, नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा हिंसा मामले में शामिल 22 अभियुक्तों की डिफॉल्ट अपील में दायर जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने भोला उर्फ सुहैल, जावेद सिद्दकी, जावेद कुरेशी, शाहनवाज, रईश अहमद अंसारी, अब्दुल माजिद सहित 22 अभियुक्तों को पुलिस द्वारा समय पर चार्जशीट पेश नहीं करने के आधार पर डिफॉल्ट का लाभ देते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट के उस आदेश को नियम विरुद्ध माना, जिसमें पुलिस को चार्जशीट पेश करने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया था। हालांकि, हिंसा के मुख्य आरोपियों को अभी तक जमानत नहीं मिली है। अभियुक्तों की ओर से दलील दी गई कि पहले साफिया मलिक को जमानत मिली थी, फिर उपद्रव में शामिल 50 अन्य लोगों को भी जमानत दी गई थी। इसी आधार पर उन्हें भी जमानत पर रिहा किए जाने की मांग की गई।

अभियुक्तों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना जांच किए ही उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 417, 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया। महीनों बीत जाने के बावजूद पुलिस उनके खिलाफ अपराध साबित करने में नाकाम रही है। जबकि अपराध होने के 90 दिनों के भीतर पुलिस को जांच रिपोर्ट न्यायालय में पेश करना अनिवार्य है। इस मामले में पुलिस ने अभी तक जांच रिपोर्ट पेश नहीं की है। इसके अलावा, मजिस्ट्रेट ने पुलिस को चार्जशीट पेश करने के लिए अतिरिक्त समय दिया, जिसके आधार पर अभियुक्तों को जमानत दी गई।

गौरतलब है कि 24 जुलाई 2024 को हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की पत्नी साफिया मलिक को जमानत मिली थी। अगस्त 2024 में 50 अन्य आरोपियों को भी जमानत मिली थी। अब 22 अभियुक्तों को जमानत मिलने के बाद कुल 73 लोग रिहा हो चुके हैं।

यह मामला पिछले साल 8 फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में हुई हिंसा से जुड़ा है, जब नगर निगम प्रशासन और पुलिस की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। इस दौरान अतिक्रमणकारियों और उपद्रवियों ने हमला बोल दिया था, जिसमें आगजनी और फायरिंग की घटनाएं भी हुई थीं।